काजीरंगा वन्य जीव अभयारण्य का बड़ा हिस्सा जलमग्न, ऊंचे जगहों की तलाश में जानवर

असम में बाढ़ की स्थिति बद्तर होती जा रही है और जलस्तर बढ़ने की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में स्थित 233 वन शिविरों में से 26 प्रतिशत से अधिक जलमग्न हो गए हैं।

61 वन शिविर डूब गए हैं
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61 वन शिविर डूब गए हैं

बाढ़ को लेकर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में स्थापित 61 वन शिविर डूब गए हैं। जलमग्न वन शिविरों में अगोराटोली रेंज के 22, काजीरंगा के 10, बागोरी के आठ, बूढ़ापहाड़ के पांच और बोकाखाट के छह शिविर शामिल हैं।

बड़ा हिस्सा जलमग्न
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बड़ा हिस्सा जलमग्न​

रिपोर्ट के मुताबिक काजीरंगा वन्य जीव अभयारण्य का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है और बड़ी संख्या में जानवर ऊंचे स्थान की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-715 पार कर पूर्वी कार्बी आंगलोंग जिले के दक्षिणी हिस्से की ओर जा रहे हैं।

धारा-144 के निषेधाज्ञा लागू
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धारा-144 के निषेधाज्ञा लागू​

रिपोर्ट के मुताबिक इनके अलावा राष्ट्रीय उद्यान के बिश्वनाथ वन्यजीव प्रखंड में स्थापित 10 वन शिविर भी जलमग्न हो गए हैं। इसबीच, गोलाघाट जिला प्रशासन ने रविवार शाम को भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के निषेधाज्ञा लागू कर दिया है।

यातायात का भारी दबाव
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​यातायात का भारी दबाव​

गोलाघाट के जिलाधिकारी विवेक श्याम पंग्योक ने बताया कि राजमार्ग पर यातायात का भारी दबाव होता है। उन्होंने कहा, बाढ़ के दौरान राजमार्ग पर वाहनों से वन्य जीवों को आवंछित जोखिम पैदा हो सकता है।

गलियारों का उपयोग करते हैं जानवर
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​गलियारों का उपयोग करते हैं जानवर​

उन्होंने कहा कि जानवर अस्थायी रूप से कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के अंतर्गत आने वाले प्राकृतिक ऊंचे इलाकों (पहाड़ियों) पर आश्रय के लिए प्रवास करने के लिए गलियारों का उपयोग करते हैं।

व्यावसायिक वाहनों पर पाबंदी
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​व्यावसायिक वाहनों पर पाबंदी​

सोमवार से लागू निषेधाज्ञा के मुताबिक किसी भी व्यावसायिक वाहन को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से गुजरने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा केवल निजी वाहन ही दिन के समय नियंत्रित गति से चल सकेंगे। केवल स्थानीय निजी वाहन को ही रात को राष्ट्रीय उद्यान से गुजरने की अनुमति होगी।

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