राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में खाया था आलू-छोले और सूजी का हलवा, बेहद रोचक थी अंतरिक्ष यात्रा

विंग कमांडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे, उनका नाम देशभर में सभी को याद हैं बता दें कि पीएम इंदिरा गांधी को राकेश शर्मा ने बताया था-अंतरिक्ष से सारे जहां से अच्छा दिखता है हिंदोस्‍तान हमारा वहीं राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में सब्जी पुलाव, आलू छोले और सूजी का हलवा जैसे व्यंजन भी खाए थे।

इसरो ने राकेश शर्मा को खास अभियान के लिए चुना था
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इसरो ने राकेश शर्मा को खास अभियान के लिए चुना था

20 सितंबर 1982 को इसरो ने राकेश शर्मा को अंतरिक्ष एजेंसी इंटरकॉस्‍मोस के अभियान के लिए चुना और 2 अप्रैल 1984 को राकेश शर्मा को दो कमांडर के साथ अंतरिक्ष में उड़ान भरने का मौका मिला, राकेश शर्मा ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के बारे में बताया था कि पहली बार रूसियों ने अंतरिक्ष में उनके द्वारा लाया गया भारतीय खाना खाया, इनमें सब्जी पुलाव, आलू छोले और सूजी का हलवा जैसे व्यंजन शामिल थे जिसे जो खासतौर से डिफेन्स फूड रिसर्च लेबोरेटरी द्वारा तैयार किया गया था

इस खाने को छोटे रोल में बनाया गया
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​इस खाने को छोटे रोल में बनाया गया​

इस खाने को छोटे रोल में बनाया गया और सिलोफ़न पेपर में लपेटा गया था क्योंकि बोर्ड पर टेबल सेट करना नामुमकिन था।

इंदिरा गांधी राष्ट्रपति जैल सिंह रक्षा मंत्री वेंकटरमन की तस्वीरें
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​इंदिरा गांधी, राष्ट्रपति जैल सिंह, रक्षा मंत्री वेंकटरमन की तस्वीरें​

खाने के अलावा राकेश शर्मा अपने साथ इंदिरा गांधी, राष्ट्रपति जैल सिंह, रक्षा मंत्री वेंकटरमन की तस्वीरें और गांधी के समाधि स्थल राजघाट से थोड़ी मिट्टी भी ले गए थे

अंतरिक्ष में 7 दिन 21 घंटे और 40 मिनट
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​अंतरिक्ष में 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट​

राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट रहे, इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में योग समेत कई काम किए और भारतीय खाने का भी लुत्फ उठाया।

 कई स्टडी और एक्पेरिमेंट
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​ कई स्टडी और एक्पेरिमेंट​

स्पेस स्टेशन पर एक सप्ताह रहने के दौरान, राकेश शर्मा ने कई स्टडी और एक्पेरिमेंट शुरू किए जो भारतीय वैज्ञानिकों के लिए भविष्य की रिसर्च में बहुत कारगर रहे।

अंतरिक्ष यात्री बनने से पहले राकेश शर्मा
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​अंतरिक्ष यात्री बनने से पहले राकेश शर्मा​

अंतरिक्ष यात्री बनने से पहले राकेश शर्मा भारतीय सशस्त्र बलों में वायु सेना के पायलट के रूप में काम करते थे, अपने चयन के बाद उन्होंने USSR में यूरी गगारिन सेंटर में एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में प्रशिक्षण लिया था।

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