Atiq Ahmed का 10 सेकेंड्स में 'खेल चट-पट': क्लोज रेंज से भाई को भी भून डाला, देखें- पुलिस भी रह गई थी हक्की-बक्की

माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल 2023 की रात यूपी के प्रयागराज में बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई। मीडिया के सामने 10 सेकेंड्स के भीतर दोनों का काम तमाम कर दिया गया। हमलावरों ने बड़े ही करीब से (क्लोज रेंज से) फायरिंग की थी, जिस दौरान पुलिस भी एक पल को कुछ न समझ पाते हुए हक्की-बक्की रह गई थी।

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35 राउंड फायरिंग, लाइव मर्डर कैमरे में कैद

शनिवार रात करीब 10 बजे तीन हमलावरों (मीडियाकर्मियों के भेष में पहुंचे थे) ने तब अहमद बंधुओं पर लगभग 35 राउंड गोलियां चलाईं, जब पुलिस दोनों को प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी। चूंकि, यह पूरा वाकया कैमरे में इसलिए दर्ज हो गया क्योंकि उस समय मेडिकल जांच के लिए पुलिस की ओर से दोनों को अस्पताल ले जाते समय मीडिया वाले भी उनके साथ थे।

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पत्रकारों से बात कर रहा था माफिया, ये थे अंतिम शब्द

बताया गया कि काल्विन अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा विभाग के सामने अतीक और अशरफ पर तीन युवकों ने तब हमला किया था, जब अतीक से पत्रकार कुछ सवाल कर रहे थे। अतीक बस यही कह पाया था, "नहीं गए तो नहीं गए।" उसके इतना कहते ही तीन लड़के वहां पहुंचे और उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दोनों बंधुओं को गोलियों से भून डाला।

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बेटे के मर्डर के दो रोज बाद पिता की हत्या

हालांकि, वारदात के बाद तीनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बंदूक फेंककर सरेंडर कर दिया था। पुलिस फिलहाल जांच और पूछताछ में जुटी है। रूटीन जांच के लिए अस्पताल लाते वक्त यह वारदात हुई। पुलिस की ओर से इससे अधिक ब्यौरा नहीं दिया गया। कहा गया कि कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। वैसे, दो रोज पहले ही यूपी के झांसी में पुलिस मुठभेड़ में अतीक अहमद का बेटा असद मारा गया था।

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गोलियों से छलनी हो गए थे शव, मौके से ये सब मिला

​सनसनीखेज हत्या के बाद इलाके में तनाव है। अहमद एवं अशरफ के गोलियों से छलनी शवों को मौके से हटा लिया गया है। पुलिस को मौके से तीन पिस्तौल, एक मोटर साइकिल, एक वीडियो कैमरा और एक न्‍यूज चैनल का लोगो पड़ा मिला है। ऐसे में अंदेशा है कि तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे और उन्होंने घटना को अंजाम दिया। तीनों ने अपने गले में पहचान पत्र भी लटका रखे थे।

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हम बिल्कुल मिट्टी में मिल गए हैं...कबूल चुका था अतीक

वैसे, 60 बरस के अतीक की ओर से कुछ दिन पहले यह दावा किया गया था कि उसे गुजरात की साबरमती जेल में परेशान किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘मेरा परिवार बर्बाद हो गया है। मैं आपकी वजह से सुरक्षित हूं। मैंने वहां (जेल के अंदर) से किसी को फोन नहीं किया, क्योंकि वहां जैमर लगाए गए। मैंने कोई साजिश नहीं रची और पिछले छह साल से सलाखों के पीछे हूं।’’ यही नहीं, उसने हाल ही में कबूला था- हम आपके (मीडिया) जरिए सरकार से कहना चाहते हैं कि हम बिल्कुल मिट्टी में मिल गए हैं। अब हमारी औरतों और बच्चों को परेशान न करें।

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100 से अधिक थे केस, जानिए किस केस में बुरा फंसा माफिया?

अतीक अहमद पर उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक केस थे। सबसे सनसनीखेज हत्या के मामलों में से एक बसपा विधायक राजू पाल का है, जिसकी 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अतीक अहमद इसमें कथित तौर पर शामिल था। इस मर्डर केस के एक अहम गवाह उमेश की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश की पत्नी जया की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। यूपी 26 मार्च को भी अहमद को कोर्ट में पेश करने के लिए साबरमती जेल से प्रयागराज लाई थी, जबकि वहां के एमपी/एमएलए कोर्ट ने 28 मार्च को 2006 के उमेश पाल किडनैपिंग केस में अहमद और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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​उमेश पाल हत्याकांडः बेटा चल रहा था फरार, पांच लाख का थी ईनामी

दरअसल, अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था, जबकि झांसी में 13 अप्रैल 2023 को अहमद का बेटा असद और उसका साथी गुलाम पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। दोनों के शव को शनिवार सुबह ही दफनाए गए थे। विशेष अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्‍यवस्‍था) प्रशांत कुमार के मुताबिक, “वे दोनों प्रयागराज में उमेश पाल हत्‍याकांड में वांछित थे और पांच-पांच लाख रुपए के इनामी बदमाश थे।”