इन 42 गांवों से गुजरते हुए सिर्फ 45 मिनट में पहुंच जाएंगे लखनऊ से कानपुर, अवध एक्सप्रेसवे करने वाला है ऐसा कमाल

उत्तर प्रदेश में एक ऐसा एक्सप्रेसवे बन रहा है, जिससे 45 मिनट के अंदर आप कानपुर से लखनऊ पहुंच जाएंगे। 42 गांवों को जोड़ने वाला अवध एक्सप्रेसवे जल्द ही चालू हो जाएगा। अवध एक्सप्रेसवे को कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है। कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे से दोनों शहरों की दूरी काफी घट जाएगी और लोग सीधे आ जा सकेंगे।

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अवध एक्सप्रेसवे कहां-कहां से करेगा क्रॉस

लखनऊ से कानपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में विकसित होने वाला पहला एक्सप्रेसवे होगा, जिसे मुख्य सड़क पर यातायात को कम करने के लिए लखनऊ रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। अवध एक्सप्रेसवे एनएच 25 के समानांतर 3.5 किलोमीटर की दूरी पर चलेगा। यह लखनऊ में शहीद पथ के पास से शुरू होगा और बंथरा, बनी, दतौली और कांथा के रास्ते नवाबगंज को कानपुर से जोड़ेगा।

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42 गांवों को कनेक्ट करेगा अवध एक्सप्रेसवे

अवध एक्सप्रेसवे लखनऊ जिले के 11 गांव और उन्नाव जिले के 31 गांवों से होकर गुजरेगा। उन्नाव के गांव- बजेहरा, हिमौरा, हसनापुर, सहारवन, काशीपुर, भीखामऊ, कंथा, सरिया, बछौरा, कुदिकापुर/मानिकपुर, मेडपुर, रायपुर, तुरी छबिनाथ, तुरी राजा साहिब, पाठकपुर, तऊरा, जगेहठा, पडरी खुर्द, जरगांव, गौरी शंकरपुर ग्रांट, नवेरना, शुपुर ग्रांट, अदेरवा, बेहटा, मोद्दिनपुर, अमरसुस, कंरौंदी, कोरारी कलन, कादेर पटारी शामिल हैं। वहीं लखनऊ के गांव- अमौसी, बनी, बंथरा, सिकंदरपुर, बेहससा, चिल्लावां, गेहरू, गौरी, खांडेदेव, मीरनपुर पिनवट, नटकुर, सराय शहजारी गांव शामिल हैं।

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कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे या अवध एक्सप्रेसवे का बजट

कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे परियोजना का विकास 4,700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है। यह भारतमाला परियोजना के चरण 1 के तहत सरकार द्वारा पहचानी गई छह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में से एक है।

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अवध एक्सप्रेसवे में कितने लेन

लखनऊ में अमौसी से बानी गांव तक एक्सप्रेसवे पर 13 किलोमीटर लंबा हिस्सा प्रस्तावित है, जो एलिवेटेड होगा और सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद करेगा। एक्सप्रेसवे में तीन बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और छह फ्लाईओवर शामिल होंगे। अवध एक्सप्रेसवे फिलहाल 6 लेन का होगा, जिसे जरूरत पड़ने पर 8 लेन में कनवर्ट किया जा सकेगा।

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किस तकनीक से बन रहा है अवध एक्सप्रेसवे

एनएचएआई राजमार्ग विकास के लिए 3डी ऑटोमेटेड मशीन गाइडेंस (एएमजी) मॉड्यूल का उपयोग करेगा, जिससे निर्माण की गति दोगुनी हो जाएगी। कानपुर से लखनऊ एक्सप्रेसवे इस तकनीक का उपयोग करने वाली पहली परियोजना होगी। इससे अधिकारियों को कंप्यूटर या फोन पर परियोजना की प्रगति के बारे में लाइव अपडेट प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

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सिर्फ 45 मिनट में कानपुर से लखनऊ

लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का उपयोग करके दोनों शहरों के बीच की दूरी 1.5 से 3 घंटे की बजाय 45 से 50 मिनट में तय की जा सकती है। लखनऊ से कानपुर की सड़क दूरी 93 किमी है, जबकि हवाई दूरी 77 किमी है। यह उन्नाव जिले में गंगा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा।

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अवध एक्सप्रेसवे से फायदा

लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे यातायात की भीड़ को कम करने और वाहनों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा, साथ ही क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। इसके अलावा, अवध एक्सप्रेस विकसित की जा रही महत्वाकांक्षी रक्षा गलियारा परियोजना को बढ़ावा देगा। राजधानी लखनऊ और उत्तर प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी के रूप में भी जाना जाने वाला कानपुर रक्षा गलियारे के छह नोड्स में से दो नोड हैं। अन्य चार नोड अलीगढ़, आगरा, चित्रकूट और झांसी हैं। आगामी एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों से संपर्क को आसान बनाएगा। यह दोनों शहरों के बीच के मार्ग को भीड़भाड़ से मुक्त करेगा और यात्रियों के लिए तेज़ यात्रा को सक्षम करेगा।