सूर्य किरणों से होगा रामलला का अभिषेक, तस्वीरों में देखिए कितना तैयार हो गया मंदिर
Ram Mandir: अयोध्या में तैयार हो रहा रामलला का अलौकिक मंदिर धीरे-धीरे आकार ले रहा है। राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली राम लला की भव्य मूर्ति का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबिक, जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के दिन गर्भगृह में इस मूर्ति की स्थापना की जाएगी। सबसे अद्भुत बात यह है कि मूर्ति को इस तरह से स्थापित किया जाएगा कि रामनवमी के दिन सूर्य किरणें रामलला का अभिषेक करेंगी। इसके लिए विशेषज्ञों की मदद के लिए एक टीम भी निर्धारित की गई है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर निर्माण की कुछ तस्वीरें जारी की हैं। देखते हैं भव्य तस्वीरें...
35 फीट दूरी से होंगे रामलला के दर्शन
राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति दिसंबर तक स्थापित कर दी जाएगी। भक्तों को करीब 35 फीट दूरी से रामलला के दर्शन प्राप्त होंगे। रामलला के मूर्ति बनाने के लिए कर्नाटक और राजस्थान से शिल्पकारों की टीमें अयोध्या पहुंची हैं।
साढ़े आठ फीट ऊंची होगी मूर्ति
रामलला की मूर्ति काफी दिव्य और भव्य होने वाली है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वाल्मीकि रामायण में रामलला के बालस्वरूप का जैसा वर्णन किया गया है, उसी आधार पर मूर्ति तैयार की जाएगी। इसकी ऊंचाई करीब साढ़े आठ फीट होगी। गर्भगृह में तीन तरफ दीवारें होंगी। मकराना के सफेद संगमरमर से ये दीवारें बनाई जा रही हैं।
71 एकड़ में राम मंदिर का पूरा परिसर
राम मंदिर का पूरा परिसर 71 एकड़ में होगा। इसमें मुख्य मंदिर आठ एकड़ में तैयार किया जा रहा है। मंदिर में तीन फ्लोर होंगे। मुख्य भवन की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट होगी।
392 खंबो पर खड़ा हो रहा मंदिर
राम मंदिर का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है। इसका फर्श ग्रेनाइड पत्थर से बनाया जा रहा है। मंदिर का मुख्य भवन 392 खंबों पर खड़ा है। इस खंबों के निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है।
राम मंदिर की छतों का काम 40 प्रतिशत पूरा
अयोध्या का राम मंदिर धीरे-धीरे दिव्य और अलौकिक रूप ले रहा है। मंदिर की छतों का 40 प्रतिशत काम लगभग पूरा हो चुका है। इसकी तस्वीरें चंपत राय की ओर से साझा की गई हैं। मंदिर की छतों पर बेहतरीन कारीगरी और नक्काशी की गई है।
161 फीट ऊंचा होगा शिखर
मंदिर का शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। मंदिर के पूर्व दिशा में सिंह द्वार होगा। यह मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार होगा। प्रवेश द्वार के बार नृत्य मंडप, रंग मंडप, गृह मंडप, गुण मंडप और सबसे आखिरी में गर्भगृह होगा।
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