बिहार का पहला एक्सप्रेसवे इन शहरों से गुजरेगा, रूट से लेकर कनेक्टिविटी सब शानदार

बिहार वैसे तो भारत का काफी समृद्ध राज्य पर फिलहाल एक्सप्रेसवे एक भी नहीं है, पर बिहार को पहला एक्सप्रेसवे मिलने जा रहा है और इस पर तेजी से काम भी चल रहा है। बिहार के पहले एक्सप्रेसवे का नाम (Bihar First Expressway Name) आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे (Amas Darbhanga Expressway) है बता दें कि ये बिहार के 7 जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा।

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​बिहार को मिलने जा रहा है पहला एक्सप्रेसवे

बिहार में बन रहा आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे (Amas Darbhanga Expressway) 189 किलोमीटर लंबा एक विशाल मार्ग, भारतमाला परियोजना के तहत स्वीकृत है और इसका निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जाएगा। पहुंच-नियंत्रित मार्ग अधिकतर छह लेन वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा, इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य बिहार के ट्रांस्पोर्ट सिस्टम को बदलना है जिसकी काफी लंबे समय से दरकार थी।

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बिहार के ​गया जिले के आमस से शुरू होकर, दरभंगा जिले के बेला नवादा तक​

छह लेन वाले एक्सेस-कंट्रोल्ड रूट के रूप में डिज़ाइन किया गया। 2024 में उद्घाटन के लिए निर्धारित, अमास दरभंगा एक्सप्रेसवे में पूरे बिहार में आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। यह गया जिले के आमस से शुरू होकर, दरभंगा जिले के बेला नवादा तक जाएगी।

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उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क बढ़ाना है इस एक्सप्रेसवे का मकसद

अभी यात्रा के समय को लगभग चार घंटे तक कम करते हुए, एक्सप्रेसवे बिहार के मध्य से होकर गुज़रेगा, और औरंगाबाद, गया, पटना और दरभंगा जैसे प्रमुख शहरों और क्षेत्रों को जोड़ेगा। आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क बढ़ाना है।

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कई शहरों से होकर गुजरेगा​ ​आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे

बिहार का पहला एक्सप्रेसवे आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे दिल्ली-कोलकाता NH-19 पर रणनीतिक रूप से स्थित आमस से शुरू होकर, दरभंगा के नवादा गांव तक पहुंचेगा इस दौरान ये सात जिलों से गुज़रेगा, जहां यह NH-27 से मिलेगा। आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे कई शहरों से होकर गुजरेगा जिसमें आमस,रामनगर, सबलपुर, चकसिकंदर, दभैच, इब्राहिमपुर, ओकरी, पभेरा, मथुरापुर, गुरारू, पंचानपुर, बेला, बहुआरा, शाहपुर बघौनी (ताजपुर), शिव नंदनपुर (बूढ़ी गंडक), बासुदेवपुर रामनगर (लहेरियासराय), बेला नवादा (दरभंगा) शामिल है।

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इससे शहरों की लगेगी लॉटरी

एक बार पूरा होने पर, इससे शहरों को कई तरह से लाभ होने की संभावना है, जिसमें व्यापार गतिविधियों में वृद्धि, नौकरी के अधिक अवसर और बेहतर सड़क कनेक्टिविटी शामिल है। आमस एक्सप्रेसवे के लिए 56 गांवों में लगभग 1300 एकड़ भूमि अधिग्रहण की गई है।

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एक्सप्रेसवे का इसका उद्देश्य लोकल किसानों और व्यवसायों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाना है

बिहार में बन रहे आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे का उद्देश्य स्थानीय किसानों और व्यवसायों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाना है, जिससे बिहार की आर्थिक वृद्धि में योगदान मिलेगा। नॉर्थ बिहार और साउथ बिहार के बीच दूरी घटने से इस रूट पर कम समय में माल लाना और ले जाना बेहद आसान हो जाएगा।

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आमस एक्सप्रेसवे को 2024 तक बनाने का लक्ष्य!

सरकार की ओर से आमस एक्सप्रेसवे बनाने का लक्ष्य 2024 तक ही रखा गया है हालांकि आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की सफलता भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण संबंधी विचार और वित्तपोषण संबंधी बाधाओं जैसी विभिन्न चुनौतियों के समाधान पर डिपेंड करती है पर इसे लेकर सरकार संजीदा है पर काम की गति को देखते हुए माना जा रहा है कि ये 2025 तक तैयार हो पाएगा।