बिहार का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, देश के 20 शहरों से होते हुए Bihar के 8 जिलों को करेगा क्रॉस; नेपाल को होगा फायदा ही फायदा

बिहार में आज की तारीख में भले ही कोई एक्सप्रेसवे चालू नहीं है, लेकिन आने वाले कुछ समय में बिहार में कई एक्सप्रेसवे चालू हो जाएंगे। कई पार काम चल रहा है। बिहार का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे एक ऐसा ऐक्सप्रेसवे है, जिससे नेपाल को बंपर फायदा होने वाला है। देश के तीन राज्यों और 20 शहरों से गुजरने वाला रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे बिहार का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। रक्सौल हल्दिया से एक्सप्रेसवे से नेपाल तक को बड़ा फायदा होने वाला है। बिहार के रास्ते नेपाल आने और जाने वाला माल, काफी कम समय में आ और जा सकेगा।

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कहां-कहां से गुजरेगा बिहार का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे रक्सौल से शुरू होगा और पूर्वी चंपारण, शिवहर, समस्तीपुर, बेगुसराय से होकर गुजरेगा और सूर्यगढ़ा से मलयपुर, चिरयंदी, बांका के कटोरिया तक एक नए पुल के माध्यम से गंगा नदी को पार करेगा। बिहार के बाद यह एक्सप्रेसवे झारखंड में प्रवेश कर जाएगा।

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कितना लंबा है बिहार का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे

बिहार के 9 शहरों को क्रॉस करने वाला रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 719 किलो मीटर है। यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे रक्सौल के स्थलीय बंदरगाह को पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

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कितने में बनेगा रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेसवे

लगभग 60,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना बिहार और झारखंड को सीधे बंदरगाह से जोड़ेगी, जिससे एक नया औद्योगिक गलियारा बनेगा। यह सड़क खानों और खनिजों के परिवहन के लिए लाभदायक होगी और नेपाल के साथ संपर्क बढ़ाएगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा

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घट जाएगी कई शहरों की दूरी

बिहार के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे से कई शहरों की दूरी घट जाएगी। इस परियोजना में देवघर में 65 किलोमीटर और जामताड़ा में 50 किलोमीटर का हिस्सा शामिल है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में परिवहन को सुव्यवस्थित करना है। एक बार चालू हो जाने पर, एक्सप्रेसवे देवघर और पटना और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा के समय को घटाकर मात्र तीन घंटे कर देगा।

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कितने लेन का होगा यह एक्सप्रेसवे

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार भारतमाला परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित किया जा रहा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा। यह महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा पहल पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह पर समाप्त होने से पहले देवघर और जामताड़ा से होकर गुजरेगी।

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झारखंड और बंगाल में कहां-कहां से गुजरेगा रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेसवे

रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेसवे बिहार से निकलकर देवघर में मोहनपुर और आगे नागपुर, घोरमारा, सोनारायताहदी, जामताड़ा में पालोजोरी से होते हुए कुंडहित, बोलपुर, आरामबाग, राजहट्टी, पूर्वी मिदनापुर और अंत में हल्दिया बंदरगाह तक पहुंचेगा।

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बिहार के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे से क्या फायदा

एक्सप्रेसवे को एक ग्रीनफील्ड परियोजना के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो बिहार, झारखंड और नेपाल के भूमि से घिरे क्षेत्र को पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह तक निर्बाध पहुंच प्रदान करेगा। यह सीधा संपर्क केवल एक मार्ग से कहीं अधिक है; यह एक जीवन रेखा जैसा होगा, जो क्षेत्र की आर्थिक नब्ज को मज़बूत कर सकती है।