नखरेबाज IAS पूजा खेडकर का एक और कारनामा, झूठ बोलकर पाई नौकरी!

IAS Pooja Khedkar: महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर अक्सर चर्चा में रहती हैं। पुणे में पोस्टिंग के दौरान अपने नखरों के कारण वो चर्चा में आई थीं। इसके बाद उनपर पद के दुरुपयोग का आरोप लगा। अब पूजा खेडकर पर फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का आरोप लगा है। कहा गया है कि पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किए थे। उन्होंने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी और उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था।

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परीक्षा पास करने के लिए जमा किए थे फर्जी प्रमाणपत्र

एक अधिकारी ने बताया है कि 2022 बैच की IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किए थे।

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नहीं करवाया मेडिकल टेस्ट

पूजा खेडकर ने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी और उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था। अप्रैल 2022 में उन्हें अपने दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया।

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पिता के पास 40 करोड़ की संपत्ति

पिता दिलीप खेडकर (जो राज्य सरकार के पूर्व अधिकारी हैं) ने हालिया लोकसभा चुनाव लड़ते समय अपनी संपत्ति का मूल्य 40 करोड़ रुपये घोषित किया था। जबकि, पूजा खेडकर ओबीसी श्रेणी के तहत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुईं, जहां क्रीमी लेयर सीमा आठ लाख रुपये वार्षिक पैतृक आय है।

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​डिमांड सुनकर उड़ जाएंगे होश​

हाल ही में पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम ट्रांसफर किया गया था। 3 जून को ड्यूटी पर आने से पहले ही खेडकर ने एक अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी की मांग की थी।

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प्रशासनिक फैमिली से आती हैं पूजा खेडकर

पूजा खेडकर प्रशासनिक परिवार से आती हैं। उनके पिता और दादा प्रशासनिक सेवा में रहे हैं तो उनकी मां अहमदनगर जिले के भालगांव की निर्वाचित सरपंच हैं।

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निजी कार में लगाती थींं नीली-लाल बत्ती

पूजा खेडकर पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगा। वह अपनी निजी ऑडी कार में नीली-लाल बत्ती लगाकर घूमती थीं।