नरक का दरवाजा कहलाता है ये Darvaza, दूर से खूबसूरत, नजदीक से सामने मौत दिखती है

नरक का दरवाजा पढ़कर डर तो नहीं गए ना! फिर आप ये भी सोच रहे होंगे ऐसा भी होता है क्या? जिस दरवाजा की हम बात कर रहे हैं दरअसल वह एक गांव है और यह गांव नरक का दरवाजा (The Gate of Hell) नाम से भी कुख्यात है। इसी गांव में एक ऐसी जगह भी है जो सच में नरक का एहसास देती है। चलिए जानते हैं।

कहां के दरवाजा
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कहां के दरवाजा

दरवाजा एक रूरल काउंसिल है जो तुर्कमेनिस्तान के अहल प्रोविंस में मौजूद है। दरवाजा गांव यहां के कराकुम रेगिस्तान के बीच में मौजूद है, जो अश्गाबट से करीब 260 किमी उत्तर में मौजूद है।

गैस का दबाव
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गैस का दबाव

दरवाजा गांव के पास गैस का एक क्रेटर मौजूद है, जिसमें कई दशकों से आग लगी हुई है। दरअसल इस क्रेटर से गैस रिसती रहती है, जिसे दशकों पहले आग लगा दी गई थी और वह आज भी जल रही है।

नरक का दरवाजा
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नरक का दरवाजा

इसे देखकर आप भी मान जाएंगे कि यह नरक का ही दरवाजा है। क्योंकि हमें बचपन से ही बताया जाता रहा है कि बुरे कर्म वाले नरक की आग में जलते हैं।

कितना बड़ा है क्रेटर
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कितना बड़ा है क्रेटर

तुर्कमेनिस्तान के दरवाजा गांव के पास मौजूद यह डोर ऑफ हेल क्रेटर 60-70 मीटर चौड़ा होने के साथ ही करीब 30 मीटर गहरा भी है।

टूरिस्ट स्पॉट बना
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टूरिस्ट स्पॉट बना

यह बर्निंग गैस क्रेटर तुर्कमेनिस्तान में पर्यटन स्थल बन गया है। पर्यटक इस गैस क्रेटर को देखने यहां आते हैं। कहा जाता है कि 1971 में सोवियत रूस यहां गैस की खोज कर रहा था।

आग लगाई गई
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आग लगाई गई

गैस की खोज दौरान यहां जमीन धंस गई और यह गड्ढा हो गया। जहरीली गैस रिसाव से लोगों को बचाने के लिए उस समय इसमें आग लगाने का फैसला किया गया होगा और उम्मीद होगी कि यह आग कुछ दिन में बुझ जाएगी। लेकिन यह अब तक जल रही है।

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