अयोध्या में छाया दीपोत्सव का रंग, राम पथ पर झांकियों ने बिखेरा जादू; देखें अद्भुत तस्वीरें
Ayodhya Deepotsav: अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम में अद्भुत नजारे देखने को मिले। रामायण के प्रसंगों को दर्शाती झांकियों ने छटा बिखेरी। इस बार दीपावली के अवसर पर 25 लाख दीये प्रज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया है। नया विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए राम की पैड़ी तथा अन्य घाटों पर तैयारियां जोरों पर हैं।

शास्त्रीय नर्तकों की प्रस्तुति ने राम पथ पर जादू बिखेरा
छोटी दीपावली के अवसर पर अयोध्या में बुधवार को भव्य दीपोत्सव समारोह के तहत झांकियों की एक शोभायात्रा निकाली गई। रामायण के प्रसंगों को दर्शाती झांकियों में देशभर के शास्त्रीय नर्तकों की प्रस्तुति ने राम पथ पर अपना जादू बिखेरा। शोभायात्रा के राम पथ पर आगे बढ़ते ही स्थानीय लोग सड़क के दोनों तरफ खड़े हो गए और पुष्पवर्षा कर उसका स्वागत किया।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव में लिया हिस्सा
इस शोभायात्रा में भाग लेने वाली जम्मू-कश्मीर की साक्षी ने कहा, 'हम अपने राज्य की संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।' जम्मू-कश्मीर के एक अन्य प्रतिभागी विशाल शर्मा ने कहा, 'हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हम भव्य मंदिर में श्रीरामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव में भाग ले रहे है।'

इकबाल अंसारी ने भी किया शोभायात्रा का स्वागत
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी शोभायात्रा का स्वागत किया। राज्य सरकार ने बुधवार शाम अयोध्या में सरयू के तट पर 28 लाख से ज्यादा दीये प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड कायम करने की योजना बनायी है। इस साल जनवरी में मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव आयोजन है।

राम की पैड़ी तथा अन्य घाटों पर जोरों पर तैयारियां
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने स्थानीय कारीगरों से 28 लाख दीये मंगवाए हैं, ताकि अगर किसी कारण से 10 प्रतिशत दीये क्षतिग्रस्त भी हो जाएं तो भी 25 लाख दीये प्रज्वलित करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। नया विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए राम की पैड़ी तथा अन्य घाटों पर तैयारियां जोरों पर हैं। घाट प्रभारी और समन्वयक नियमित रूप से दीयों को घाट पर व्यवस्थित तरीके से रख रहे स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में अयोध्या में यह आठवां दीपोत्सव कार्यक्रम होगा।

आध्यात्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक सार का प्रदर्शन
सरकार ने घाटों पर पांच से छह हजार लोगों की मेजबानी की व्यवस्था की है। वहीं, अन्य लोगों को कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दिखाने के लिए 40 विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं। दीपोत्सव का उद्देश्य धार्मिक नगरी के आध्यात्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक सार को प्रदर्शित करना है। इस कार्यक्रम में छह देश म्यांमा, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकार भी प्रस्तुति देंगे।

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