जानें पूरे Delhi-Mumbai Expressway को कंक्रीट का क्यों नहीं बनाया गया?

Delhi-Mumbai Expressway देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन रहा है। यह देश की राजधानी दिल्ली को आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। बीच में हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात के साथ ही महाराष्ट्र के कुछ हिस्से भी इसका हिस्सा बनेंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि यह पूरा एक्सप्रेसवे कंक्रीट का बनना था, लेकिन बाद में इसके आधे से ज्यादा हिस्से को डामर का बनाया गया। चलिए जानते हैं ऐसा क्यों किया गया।

दिल्ली में काम चालू हरियाणा में पूरा
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दिल्ली में काम चालू, हरियाणा में पूरा

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1350 किमी है। दिल्ली में एक्सप्रेसवे के कंस्ट्रक्शन का काम अब भी चल रहा है, जबकि हरियाणा में इसका काम पूरा हो चुका है।

मध्य प्रदेश में काम पूरा
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मध्य प्रदेश में काम पूरा

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 240 किमी हिस्सा मध्य प्रदेश में आता है। अच्छी बात यह है कि मध्य प्रदेश में इस एक्सप्रेसवे का काम पूरा हो चुका है। राजस्थान में भी एक्सप्रेसवे का काम आधे से ज्यादा पूरा हो चुका है।

गुजरात में 150 किमी एक्सप्रेसवे
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गुजरात में 150 किमी एक्सप्रेसवे

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 150 किमी हिस्सा गुजरात में बन रहा है। गुजरात में इस एक्सप्रेसवे का बड़ा हिस्सा तैयार हो चुका है और बाकी के हिस्से पर काम चल रहा है।

12 घंटे में दिल्ली से मुंबई
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12 घंटे में दिल्ली से मुंबई

उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दिसंबर 2024 तक पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बन जाने से दिल्ली से मुंबई की दूरी सिर्फ 12 घंटे की रह जाएगी।

वडोदरा से विरार कंक्रीट का एक्सप्रेसवे
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वडोदरा से विरार कंक्रीट का एक्सप्रेसवे

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को दिल्ली से वडोदरा तक डामर बिछाकर तैयार किया जा रहा है। गुजरात में वडोदरा से महाराष्ट्र के विरार तक एक्सप्रेसवे को कंक्रीट से तैयार किया जा रहा है।

इसलिए पूरा एक्सप्रेसवे कंक्रीट का नहीं बना
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इसलिए पूरा एक्सप्रेसवे कंक्रीट का नहीं बना

वडोदरा से विरार तक एक्सप्रेसवे को कंक्रीट का बनाया गया है। पूरा एक्सप्रेसवे कंक्रीट का बनना थे, लेकिन सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण वडोदरा और दिल्ली के बीच इसे डामर का बनाया गया।

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