'हेलीपैड' वाला देश का पहला Express-Way जहां एक-दो नहीं इतने सारे Helipads

देश में एक्सप्रेसवे का जाल सा बिछ रहा है, यहां हम बात कर रहे हैं देश के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की यहां तमाम हाईटेक सुविधाएं तो होंगी ही खास बात ये है कि इस एक्सप्रेसवे पर एक-दो नहीं बल्कि 12 हेलीपेड बनेंगे इनका इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी और सेना के कामकाज के लिए होगा, ये सभी 12 हेलीपैड राजस्‍थान में बनाये जायेंगे गौर हो कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,350 किलोमीटर का बनाया जा रहा है जो 4 राज्यों से होकर गुजरेगा।

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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 12 हेलीपैड​

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 12 हेलीपैड बन रहे, हैं बता दें कि यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा जिस पर इतने ज्यादा हेलीपैड बनाए जाएंगे जोकि मेडिकल इमरजेंसी और सेना के कामकाज के लिए इस्तेमाल में आयेंगे।

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​दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,350 किलोमीटर

गौर हो कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,350 किलोमीटर का बनाया जा रहा है जो 4 राज्यों से होकर गुजरेगा।

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​ सभी 12 हेलीपैड राजस्‍थान में बनेंगे​

बताते हैं कि सरकार सभी 12 हेलीपैड राजस्‍थान में बनाएगी इसमें सबसे ज्‍यादा 6 हेलीपैड राजस्‍थान के सवाई माधोपुर जिले में वहीं दौसा जिले में 4 और कोटा में 2 हेलीपैड बनाए जाएंगे।

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​घायलों को एयरलिफ्ट​

इन हेलीपैड का मुख्य तौर पर उपयोग दुर्घटना की स्थिति में घायलों को एयरलिफ्ट करने और सेना के कामों के लिए किया जाएगा।

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​ वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर भी​

​दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की एक और खासियत कि इस पर वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर बनाया जा रहा है, जहां से जंगली जानवरों के आराम से गुजरने का रास्ता होगा।​

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​ आने-जाने का समय घटकर महज 12.30 घंटे का​

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच आने-जाने का समय घटकर महज 12.30 घंटे का रह जाएगा जबकि अभी इस दूरी को तय करने में 24 घंटे से ज्यादा समय लग जाता है।

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​राजस्थान के 7 जिलों से होकर गुजरेगा ​

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे राजस्थान के 7 जिलों से होकर गुजरेगा बता दें कि इसकी राजस्थान में कुल दूरी 374 किलोमीटर होगी इसमें अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिले हैं।