INS Brahmaputra: जो INS ब्रह्मपुत्र हुआ हादसे का शिकार, जानिए उसकी 5 बातें जिनसे थर्राता है दुश्मन

INS Brahmaputra: भारतीय नौसेना का INS ब्रह्मपुत्र रविवार 21 जुलाई शाम को भीषण आग की दुर्घटना का शिकार हो गया जिसके बाद इसे बड़ा नुकसान पहुंचा है। फिलहाल इसे नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में रखा गया है। चिंताजनक बात है कि यह एक तरफ झुकता जा रहा है और तेजी से इसकी मरम्मत की जा रही है। आइए जानते हैं कि INS ब्रह्मपुत्र की ताकत जिससे दुश्मन थर्राता है।

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​आग से हुआ भारी नुकसान

आग लगने से युद्धपोत को काफी नुकसान हुआ है। नौसेना के अनुसार, रविवार शाम को आग लगने की घटना के बाद एक कनिष्ठ नाविक लापता है और बचाव दल उसे खोजने की कोशिश कर रहे हैं। आग की घटना के बाद युद्धपोत एक ओर (बंदरगाह की ओर) झुक गया।

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स्वदेशी रूप से निर्मित युद्धपोत

आईएनएस ब्रह्मपुत्र स्वदेशी रूप से निर्मित पहला निर्देशित मिसाइल युद्धपोत है। इसे अप्रैल 2000 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और यह नौसेना की ताकत बना हुआ है।

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वजन 5300 टन, स्पीड जबरदस्त

आईएनएस ब्रह्मपुत्र का वजन करीब 5,300 टन है। इसकी लंबाई 125 मीटर और चौड़ाई 14.4 मीटर है। यह समुद्र में 27 नॉट से अधिक की गति से चल सकता है।

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मिसाइलों और टारपीडो लांचरों से लैस

आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर 40 अधिकारियों और 330 नाविकों का दल सवार होता है। ये युद्धपोत मध्यम दूरी, निकट दूरी और सतह से सतह व सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और टारपीडो लांचरों से लैस है।

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चेतक हेलीकॉप्टर भर सकते हैं उड़ान

इस युद्धपोत पर कई तरह के सेंसर भी लगे हैं। चेतक हेलीकॉप्टर भी इससे उड़ान भर सकते हैं। आईएनएस ब्रह्मपुत्र ने 2006 में लेबनान संघर्ष के दौरान ऑपरेशन सुकून में भी अहम भूमिका निभाई थी।

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ब्रह्मपुत्र नदी पर रखा गया नाम

इस युद्धपोत का नाम ब्रह्मपुत्र नदी के नाम पर रखा गया है। जहाज के प्रतीक चिह्न में नीली समुद्री लहरों और भारतीय गैंडे को दिखाया गया है जो इस ताकत को दर्शाता है।