भारत के 41 शहरों को प्यास बुझाने वाली नदी, जिसमें होता है 22 नदियों का संगम
भारत में एक ऐसी नदी है, जो देश के 41 शहरों से गुजरते हुए लाखों लोगों की प्यास के साथ-साथ हजारों हेक्टेयर फसलों के लिए पानी उपलब्ध कराती है। इतना ही नहीं भारत की सबसे लंबी नदी का गौरव रखने वाली इस नदी से कई मेगावाट बिजली भी पैदा होती। हम बात कर रहे हैं गंगा नदी की। गंगा नदी को भारत मां की कहा जाता है। गंगा नदी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि बांग्लादेश में भी लोगों का प्यास बुझाती है। गंगा नदी एक ऐसी नदी है, जिसमें 22 नदियों का संगम होता है।
कितनी बड़ी है गंगा
एशिया की अन्य प्रमुख नदियों की तुलना में, गंगा काफी बड़ी है। गंगा भारत की सबसे लंबी नदी है जिसकी लंबाई 2,510 किलोमीटर है और औसत प्रवाह दर 14,720 m3/s है। गंगा बेसिन 1,000,000 वर्ग किलोमीटर (390,000 वर्ग मील) में फैला हुआ है। नदी की औसत गहराई 52 फीट (17 मीटर) और अधिकतम गहराई 100 फीट (33 मीटर) है।
किन-किन शहरों से गुजरती है गंगा
गंगा भारत में 41 प्रमुख शहरों से गुजरती है। जिसमें उत्तराखंड में ऋषिकेश, हरिद्वार; उत्तर प्रदेश में बिजनौर, फतेहगढ़, कन्नौज, हरदोई, बिठूर, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, कासगंज, फर्रुखाबाद, नरोरा; बिहार में बक्सर, बेगूसराय, भागलपुर, पटना, वैशाली, मुंगेर, खगड़िया, कटिहार; झारखंड में साहिबगंज; पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद, पलाशी, नबद्वीप, शांतिपुर, कोलकाता, सेरामपुर, चिनसुराह, बारानगर, डायमंड हार्बर, हल्दिया, बज बज, हावड़ा, उलुबेरिया, बैरकपुर से होकर गुजरती है।और पढ़ें
गंगा कहां से निकलती है
गंगा नदी उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के देवप्रयाग शहर में भागीरथी और अलकनंदा नदियों के संगम से शुरू होती है। हिंदू संस्कृति और पौराणिक कथाओं में भागीरथी को स्रोत माना जाता है, हालांकि अलकनंदा लंबी है और इसलिए, जल विज्ञान की दृष्टि से स्रोत धारा है। अलकनंदा के मुख्य जलस्रोत नंदा देवी, त्रिशूल और कामेट जैसी चोटियों से पिघली बर्फ से बनते हैं। भागीरथी 4,356 मीटर (14,291 फीट) की ऊंचाई पर गोमुख में गंगोत्री ग्लेशियर के तल पर उगती है और पौराणिक रूप से शिव की जटाओं में निवास करने के रूप में संदर्भित की जाती है। हालांकि कई छोटी धाराएं गंगा की मुख्य धाराएं हैं, लेकिन छह सबसे लंबी और उनके पांच संगम पवित्र माने जाते हैं। छह मुख्य धाराएं अलकनंदा, धौलीगंगा, नंदाकिनी, पिंडर, मंदाकिनी और भागीरथी हैं। उनके संगम, जिन्हें पंच प्रयाग के रूप में जाना जाता है, अलकनंदा के किनारे हैं। वे, नीचे की ओर क्रम में, विष्णुप्रयाग हैं, जहां धौलीगंगा अलकनंदा में मिलती है; नंदप्रयाग, जहां नंदाकिनी मिलती है; कर्णप्रयाग, जहां पिंडर मिलती है; रुद्रप्रयाग, जहां मंदाकिनी मिलती है; और अंत में, देवप्रयाग, जहां भागीरथी अलकनंदा में मिलकर गंगा बनती है।और पढ़ें
कहां तक जाती है गंगा
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के गिरिया स्थान के पास गंगा नदी दो शाखाओं में विभाजित हो जाती है— भागीरथी और पद्मा। भागीरथी नदी गिरिया से दक्षिण की ओर बहने लगती है, जबकि पद्मा नदी दक्षिण-पूर्व की ओर बहती फरक्का बैराज से निकलकर बंग्लादेश में प्रवेश करती है। मुर्शिदाबाद शहर से हुगली शहर तक गंगा का नाम भागीरथी नदी और हुगली शहर से मुहाने तक गंगा का नाम हुगली नदी है। हुगली नदी सागर द्वीप के पास बंगाल की खाड़ी में गिरती है। मालदा और बंगाल की खाड़ी के बीच, हुगली नदी मुर्शिदाबाद, नवद्वीप, कोलकाता और हावड़ा के शहरों और कस्बों से होकर गुजरती है। बांग्लादेश में प्रवेश करने के बाद, गंगा नदी की मुख्य शाखा को पद्मा के रूप में जाना जाता है। पद्मा में जमुना नदी मिलती है। आगे की ओर, पद्मा मेघना नदी में मिलती है, जो सूरमा-मेघना नदी प्रणाली का प्रवाह है और मेघना मुहाना में प्रवेश करते ही मेघना का नाम ले लेता है, जो बंगाल की खाड़ी में गिरता है।और पढ़ें
गंगा में कितनी नदियों का संगम
गंगा नदी में कई बड़ी और छोटी नदियों का संगंम होता है। गंगा की सहायक नदियों में, बाईं ओर से रामगंगा, गर्रा, गोमती, तमसा घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोशी, महानंदा, ब्रह्मपुत्र, मेघना है, वहीं दाईं साइड से यमुना, तमसा (जिसे टोंस नदी भी कहा जाता है), करमनासा, सोन, पुनपुन, फल्गु, किऊल, चंदन, अजय , दामोदर और रूपनारायण है।और पढ़ें
खेती की जान है गंगा नदी
गंगा नदी भारत में लोगों की प्यास तो बुझाती ही है, साथ ही लाखों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई भी इससे होताी है। गंगा बेसिन अपनी उपजाऊ मिट्टी के साथ भारत और बांग्लादेश की कृषि अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण है। गंगा और उसकी सहायक नदियां एक बड़े क्षेत्र में सिंचाई का स्रोत है। इस क्षेत्र में उगाई जाने वाली मुख्य फ़सलों में चावल, गन्ना, दाल, तिलहन, आलू और गेहूं शामिल हैं। नदी के किनारों पर दलदल और झीलों की मौजूदगी फलियां, मिर्च, सरसों, तिल, गन्ना और जूट जैसी फसलों के लिए एक समृद्ध क्षेत्र प्रदान करती है। गंगा में मछलियां पकड़ने का कारोबार भी समृद्ध है।और पढ़ें
जल जीव और वन्य जीव का घर भी है गंगा
इसमें राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान और दुधवा राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं। जहां शेर, हाथी, बंगाल टाइगर्स, भारतीय गैंडे, बारहसिंघा भालू, हिरण, जंगली सूअर, जंगली बिल्लियां, भेड़िये, सियार, समेत सैकड़ों वन्य जीव शामिल हैं। पूरे बेसिन में कई प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। गंगा में लगभग 350 मछली प्रजातियां रहती हैं, जिनमें कई स्थानिक प्रजातियां भी शामिल हैं। गंगा में मगरमच्छ और कई प्रकार के कछुए भी पाए जाते हैं। भारत के राष्ट्रीय जलीय जानवर डॉल्फिन का घर भी गंगा ही है।और पढ़ें
18 सितंबर 2024 का चंद्रग्रहण इन राशियों को कर सकता है बर्बाद, लव लाइफ में मिलेगा धोखा!
बेटी मालती को इतने सस्ते कपड़े पहनातीं हैं प्रियंका चोपड़ा.. राहा कपूर का तो एक कुर्ता ही है इतना महंगा
Bihar Highway: बिहार के 5 नए हाईवे बदल देंगें सफर की तस्वीर, 165 KM में नाप लेंगे ओर-छोर
Stars Spotted Today: जेह-तैमूर संग क्रिकेट खेलने पहुंचे सैफ अली खान, परिवार के साथ स्पॉट हुईं सोहा अली खान
करोड़ों के मालिक होकर पत्नियों को ऐसी सस्ती जगह हनीमून मनाने ले गए ये सेलेब्स.. आप न करें आमिर-शाहरुख वाली गलती
Chandra Grahan 2024 Dos And Donts In Hindi: चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें क्या नहीं, जानिए इसके नियम
Chandra Grahan Ke Upay 2024: चंद्र ग्रहण के दिन करें ये खास उपाय, हर दोष से मिलेगी मुक्ति
Chandra Grahan 2024 Time, Lunar Eclipse Timings: चंद्र ग्रहण कितने बजे से लग रहा है, यहां जानिए शहर अनुसार टाइमिंग
Chandra Grahan Katha 2024 In Hindi: चंद्र ग्रहण क्यों लगता है, जानिए इसके पीछे की कथा
IND vs BAN: भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले बांग्लादेश के हेड कोच ने भरी हुंकार
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited