देश तो 1947 में आजाद हो गया, इस राज्य के लोग गुलाम ही रहे, जानें कब आजाद हुआ?
भारत को 15 अगस्त 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। लेकिन उस दौरान एक ऐसा भी राज्य था, जिसे आजादी नहीं मिली। इस राज्य पर अंग्रेजों का शासन नहीं, बल्कि पुर्तगालियों का कब्जा था। आइए जानते हैं यह कौन सा राज्य था और यह कैसे आजाद हुआ?
गुलाम राज्य
भारत को सालों के संघर्ष के बाद साल 1947 में अंग्रजों से आजादी मिली थी। देश में अंग्रेजों का शासन साल 1757 से 1947 तक रहा था। आजादी के समय भारत में 17 प्रांत और 550 से अधिक रियासते थीं। देश को आजादी मिलने के बाद सभी प्रांतों और रियासतों का भारत में विलय किया गया। जिसके बाद भारत में 14 राज्यों का गठन हुआ। लेकिन क्या आप जानते हैं कि साल 1947 में भारत की आजादी के समय एक ऐसा भी राज्य था, जो गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। यह राज्य काफी सालों बाद आजाद हुआ था। आइए जानते हैं कि यह कौन सा राज्य था?और पढ़ें
गोवा को 14 साल बाद मिली आजादी
गोवा भारत का वो राज्य है, जिसे देश की आजादी के 14 सालों बाद आजादी मिली। गोवा पर अंग्रेजों का नहीं, बल्कि पुर्तगालियों का कब्जा था। गोवा पर पुर्तगालियों ने लंबे समय तक शासन किया था। पुर्तगालियों ने यहां तब से पैर जमाए हुए थे, जब भारत में अंग्रेजो ने कदम भी नहीं रखा था। साल 1498 में वास्को डी गामा भारत आए। जिसके कुछ सालों में ही पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा कर लिया। और पढ़ें
451 सालों तक गोवा पर पुर्तगालियों का शासन
गोवा में पुर्तगालियों ने 1510 में कब्जा किया था। जिसके बाद 451 सालों तक गोवा के लोगों को पुर्तगाली शासन झेलना पड़ा। इस दौरान पुर्तगालियों ने गोवा के हिंदुओं और गोअन कौथोलिक्स की हत्याएं की। हिंदू मंदिरों को तोड़ा और हिंदी रीति-रिवाज से शादी पर बैन लगाया। वहां रहने वाले हिंदुओं ने जान बचाने के लिए ईसाई धर्म में परिवर्तन करना शुरू कर दिया। साल 1932 में एंटोनियो डी ओलिवेरा सालाजार पुर्तगाल का तानाशाह बना। जिसके बाद चीजें और बिगड़ी और लोगों का जीना दूभर हो गया।और पढ़ें
गोवा मुक्ति आंदोलन
15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के बाद से ही गोवा को देश में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा था। सरकार ने इसके लिए पुर्तगालियों से बातचीत का रास्ता चुना, लेकिन यह असफल हो गया। वहीं साल 1940 से ही गोवा में भी आजादी की मांग तेज हो गई थी। साल 1940 से 1960 के बीच गोवा मुक्ति आंदोलन अपने चरम पर पहुंच गया।और पढ़ें
गोवा की आजादी के लिए ऑपरेशन विजय
भारत सरकार ने गोवा को आजादी दिलाने के लिए 1961 में ऑपरेशन विजय की शुरुआत की। जिसमें भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना शामिल थीं। मिशन के तहत 30 हजार सैनिकों को गोवा में धावा बोलने के लिए तैनात किया गया। पुर्तगालियों ने शुरू में लड़ने का निर्णय लिया। पुर्तगालियों ने भारतीय सैनिकों के प्रवेश मार्ग को बंद करने के लिए वास्को के पास के पुल को उड़ा दिया। हालांकि पुर्तगालियों को अपनी हार नजर आ गई और 36 घंटे में गोवा को आजादी मिल गई।और पढ़ें
गोवा बना भारत का 25वां राज्य
गोवा के तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मेन्यू वासलो डे सिल्वा ने 19 दिसंबर 1961 में भारत के सामने समर्पण करते एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। जिसके बाद गोवा भारत में शामिल हो गया और दमन-दीव भी पुर्तगालियों से आजाद हो गया। गोवा को 30 मई 1987 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और गोवा भारत का 25वां राज्य बन गया।
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