कोचिंग संस्थानों पर क्या है गाइडलाइन, छात्रों की सुरक्षा के लिए उठाने होते हैं ये कदम

Guideline for coaching centers : दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में गत शनिवार को बहुत बड़ी घटना हुई। यहां आईएएस तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत बेसमेंट में डूबने से हो गई। बारिश का पानी अचानक से बेसमेंट में दाखिल हो गया। अपना कोचिंग सेंटर चलाने के लिए संस्थानों को सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होता है।

जरूरी प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य
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जरूरी प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य

कोचिंग सेंटर को आग और इमारत सुरक्षा निर्देशों का पालन करना होगा। उसे सरकारी विभागों से जरूरी प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा। सेंटर पर प्राथमिक उपचार किट की व्यवस्था होनी चाहिए। आपात स्थिति के लिए वहां अस्पताल, डॉक्टर और हेल्पलाइन की उपलब्धता होनी चाहिए। कोचिंग सेंटर की जिम्मेदारी बनती है कि वे इन सब चीजों के बारे में छात्रों को जागरूक करें। कोचिंग सेंटर के प्रत्येक कमरे में पर्याप्त उजाला होना चाहिए। और पढ़ें

एक वर्गमीटर में बैठने की व्यवस्था
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एक वर्गमीटर में बैठने की व्यवस्था

कोचिंग सेंटर आने वाले हर बच्चे की क्लासरूम में बैठने की जगह एक वर्गमीटर में होनी चाहिए। क्लासरूम में पढ़ने वाले छात्रों की जरूरत के हिसाब से बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए।

पेयजल की व्यवस्था हो
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पेयजल की व्यवस्था हो​

कमरे हवादार और बिजली की सुविधाओं से युक्त होने चाहिए। कोचिंग सेंटर में बच्चों और स्टॉफ के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। सेंटर के परिसर में सीसीटीवी कैमरे जरूर लगे होने चाहिए। छात्रों की सुरक्षा प्रभावी तरीके से सुनिश्चित की जानी चाहिए।

शिकायत के लिए समिति
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शिकायत के लिए समिति​

कोचिंग सेंटर में एक व्यवस्था होनी चाहिए जहां जरूरत पड़ने पर छात्र अपनी शिकायत कर सकें। छात्रों की शिकायतें सुनने के लिए सेंटर के पास एक समिति भी होनी चाहिए।

जूनियर इंजीनियर बर्खास्त
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​जूनियर इंजीनियर बर्खास्त

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त और एक सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है।

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