​देश का सबसे पहला हाईवे, दशकों नहीं सदियों पुराना, चंद्रगुप्त मौर्य के दौर में शुरू, शेरशाह सूरी ने आगे बढ़ाया​

देशभर में हाईवे का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक नए-नए हाईवे बन रहे हैं जो देश की तरक्की में अहम योगदान देंगे। देश में सैकड़ों हाईवे बन चुके हैं और नए नए हाईवे के निर्माण का सिलसिला भी लगातार जारी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला हाईवे कौन सा था। आइए इसी के बारे में अहम तथ्य जानते हैं।

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​चंद्रगुप्त मौर्य के शासन में शुरू हुआ निर्माण​

देश में प्राचीन काल से ही हाईवे बनाने का दौर शुरू हो चुका था। ये सिलसिला जारी है और आज देश में सैकड़ों हाईवे बन चुके हैं। देश का पहला हाईवे चंद्रगुप्त मौर्य के शासन में शुरू हुआ था। बाद में शेरशाह सूरी ने इसे आगे बढ़ाया।

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जीटी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड

देश के सबसे पुराने हाईवे का नाम जीटी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड है। जानकारों की मानें तो इस हाईवे का निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ था।

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शेरशाह सूरी ने आगे बढ़ाया

शेरशाह सूरी ने भी इसमें योगदान दिया और 16वीं शताब्दी में इसे पक्का कराया था। उस दौर में इस हाईवे पर दूरी को मापने के लिए कोस मीनार का निर्माण कराया गया था।

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सदियों पुराना हाईवे

देश का ये सबसे पुराना हाईवे ग्रैंड ट्रंक रोड 2400 किलोमीटर लंबा है। चूंकि इसका निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में हुआ था, इसलिए कह सकते हैं कि ये हाईवे 100-200 नहीं बल्कि सदियों पुराना है।

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दक्षिण एशिया के सबसे पुराने रास्तों में एक

ग्रैंड ट्रंक रोड दक्षिण एशिया के सबसे पुराने और लंबे रास्तों में से एक है और काफी लंबा है। यह हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांग्लादेश के चटगांव से शुरू होता है।

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पाकिस्तान-अफगानिस्तान तक फैला

इसके बाद हाईवे बर्धमान, आसनसोल, सासाराम, प्रयागराज, कानपुर, कन्नौज, एटा, अलीगढ़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, दिल्ली, पानीपत, करनाल, अंबाला, लुधियाना, जलंधर, अमृतसर और इसके बाद पाकिस्तान के लाहौर व रावलपिंडी होते हुए अफगानिस्तान तक जाता है।