क्यों मची हाथरस में भगदढ़? SIT रिपोर्ट में हुआ खुलासा

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को स्थानीय उप जिलाधिकारी (एसडीएम), पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) और चार अन्य को निलंबित कर दिया। इस रिपोर्ट में घटना के पीछे ‘बड़ी साजिश’से इनकार नहीं किया गया है।

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2 जुलाई को हुई घटना

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन के स्तर पर भी लापरवाही होने की बात कही गई है जिसके कारण दो जुलाई को यह घटना हुई।

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प्रशासन की भी जवाबदेही तय​

रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया गया है कि उन्होंने भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में जिला प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है।

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​गंभीरता से नहीं लिया आयोजन

रिपोर्ट कहती है कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वे वरिष्ठ अधिकारियों को उचित सूचना देने में विफल रहे।

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एसडीएम निलंबित​

एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी समेत छह लोगों को अपने दायित्व के निर्वहन में लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित कर दिया।

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​121 लोगों की मौत हो गई​

हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से लोकप्रिय ‘भोले बाबा’ के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी।

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अव्यवस्था फैलाने के दोषी

आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली।