न मां को देख सकती हूं, न ही गले लग सकती हूं...दिल्ली में मौजूद शेख हसीना की बेटी का छलका दर्द

बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना की बेटी साइमा वाजेद को अपनी मां से नहीं मिल पाने का दुख सता रहा है। सायमा वाजेद दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक हैं और दिल्ली में तैनात हैं। उधर, मां शेख हसीना गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस में कड़ी सुरक्षा के बीच रह रही हैं। फिलहाल वह ब्रिटेन सहित कुछ और यूरोपीय देशों में शरण का इंतजार कर रही हैं।

सायमा वाजेद का दर्द
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सायमा वाजेद का दर्द

सायमा वाजेद ने कहा कि देश में चल रहे मुश्किल हालात के दौरान वह अपनी मां को नहीं देख पाने और गले न लग पाने से बहुत दुखी हैं। उन्होंने बांग्लादेश में लोगों की मौत और देश में जारी अशांति पर दुख जताया।

अपनी मां को न देख सकती हूं न
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अपनी मां को न देख सकती हूं न....

एक्स पर एक पोस्ट में शेख हसीना की बेटी साइमा वाजेद ने कहा, मेरे देश में लोगों की मौतों से से दिल टूट गया है, जिससे मैं प्यार करती हूं । मेरा दिल इसलिए भी टूट गया है कि इस मुश्किल वक्त में मैं अपनी मां को न देख सकती हूं और न ही गले लगा सकती हूं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन में बड़ी जिम्मेदारी
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विश्व स्वास्थ्य संगठन में बड़ी जिम्मेदारी

सायमा वाजेद ने इस साल फरवरी में विश्व स्वास्थ्य संगठन, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला थी। वाजेद इस पद पर आसीन होने वाली पहली बांग्लादेशी और दूसरी महिला हैं।

तख्तापलट के बाद हसीना को देश छोड़ना पड़ा
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तख्तापलट के बाद हसीना को देश छोड़ना पड़ा

बांग्लादेश को अस्थिर राजनीतिक हालात का सामना करना पड़ रहा है और शेख हसीना ने 5 अगस्त को बढ़ते विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी दिन वह आनन-फानन में सेना के हेलीकॉप्टर से भारत पहुंच गईं। वह अपनी बहन रेहाना सिद्दीकी के साथ गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंची थीं और यहां उच्च सुरक्षा के बीच रही रही हैं। और पढ़ें

शेख हसीना का परिवार
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शेख हसीना का परिवार

शेख हसीना के दोनों के दो बच्चे हैं। बेटा सजीब वाजेद और बेटी सायमा वाजेद। 53 साल के सजीब पेशे से कारोबारी होने के साथ-साथ इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी पर सरकार के सलाहकार रहे। जबकि बेटी सायमा साइकोलॉजिस्ट और हेल्थ एक्टिविस्ट हैं। सायमा डब्ल्यूएचओ में काम करती हैं और दिल्ली में ही तैनात हैं।

1975 का खूनी तख्तापलट
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1975 का खूनी तख्तापलट

1975 के बांग्लादेश खूनी तख्तापलट में सेना के अफसरों ने बंगबंधु मुजीब उर रहमान सहित उनके परिवार के 17 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। सिर्फ शेख हसीना और उनकी बहन बच गई थीं, क्योंकि दोनों जर्मनी में थीं।

सजीब वाजेद
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सजीब वाजेद

सजीब वाजेद वे अमेरिका स्थित फर्म वाजेद कंसल्टिंग इंक के अध्यक्ष हैं। वाजेद को डिजिटल बांग्लादेश पहल का मास्टरमाइंड माना जाता है और अवामी लीग के विजन 2021 घोषणापत्र को बढ़ावा दिया। वह अपनी मां शेख हसीना के सलाहकार भी रह चुके हैं।

बहन शेख रेहाना
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बहन शेख रेहाना

शेख हसीना की बहन शेख रेहाना बांग्लादेश अवामी लीग की नेता हैं। अब तक माना जा रहा था कि शेख हसीना के बाद वही उनकी उत्तराधिकारी होंगी लेकिन अब बाजी पलट चुकी है और रेहाना को भी हसीना के साथ बांग्लादेश छोड़ना पड़ा है। रेहाना के दो बच्चे हैं, बेटे रदवान मुजीब सिद्दीकी और बेटी ट्यूलिप सिद्दीकी।

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