कितना खतरनाक है अमेरिका का F-16 फाइटर जेट, जिसे मार गिराने पर एक तरफ रूस में जश्न तो यूक्रेन में छाया 'खौफ'
दुनिया के सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में से एक F-16 को रूस ने यूक्रेन में मार गिराया है। यूक्रेन इसे क्रैश बता रहा है। F-16 एक अमेरिकी निर्मित फाइटर जेट है, जिसका इस्तेमाल नाटो समेत कई देश करते हैं। यूक्रेन को ये फाइटर जेट यूरोपीय देशों से मिले थे, जिसमें से एक रूसी हमले के दौरान क्रैश हो गया है। इसपर भले ही विवाद है कि F-16 फाइटर जेट कैसे क्रैश हुआ, रूसी मिसाइल या ड्रोन ने मार गिराया या फिर यूक्रेन की खुद की गलती के कारण यह क्रैश हुआ।
कितना खतरनाक है F-16
एफ-16 एक एकल इंजन वाला, अत्यधिक युद्धाभ्यास योग्य, सुपरसोनिक, बहुउद्देशीय सामरिक लड़ाकू विमान है। यह बहुत छोटा और हल्का है। अत्यधिक फुर्तीला, एफ-16 पहला लड़ाकू विमान था जिसे 9-जी युद्धाभ्यास करने के लिए बनाया गया था और यह मैक 2 से अधिक की अधिकतम गति तक पहुंच सकता है। यह एक आंतरिक 20 मिमी एम61 वल्कन तोप से लैस है। साथ ही इसे कई खतरनाक मिसाइलों से भी लैस किया जा सकता है। हवा से हवा में लड़ाई और हवा से सतह पर हमले में खुद को साबित कर चुका है। कई जंगों में अमेरिका F-16 के सहारे दुश्मन पर बढ़त बना चुका है।
कब से सेवा में है F-16
F-16 की उत्पत्ति 1972 में एक हल्के, लागत प्रभावी हवा से हवा में मार करने वाले लड़ाकू विमान के लिए दिए गए ऑर्डर से हुई थी। वर्तमान मॉडल सभी मौसमों में सक्षम हैं और जमीनी हमले के लिए भी प्रभावी हैं। अमेरिकी वायु सेना ने 1978 में पहली डिलीवरी ली थी। यह एक बेहद परिष्कृत बम-लक्ष्यीकरण प्रणाली, लेजर रेंज-फाइंडर और हाई-स्पीड डिजिटल डेटा प्रोसेसिंग का उपयोग करके, साधारण "dumb" बमों को कम ऊंचाई से सटीकता के साथ गिरा सकता है।
F-16 ने जब दुनिया को दिखाई ताकत
अमेरिकी वायु सेना, जिसमें एयर फ़ोर्स रिज़र्व और एयर नेशनल गार्ड शामिल हैं, ने 1991 में ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म के दौरान और बाद में 1990 के दशक में बाल्कन में युद्ध में F-16 का प्रयोग किया था। F-16 ने ऑपरेशन नॉर्दर्न वॉच और सदर्न वॉच के दौरान इराक में नो-फ़्लाई ज़ोन में भी गश्त की और क्रमशः 2001 और 2003 में अफ़गानिस्तान और इराक में युद्ध के दौरान सेवा की। 2011 में, वायु सेना के F-16 ने लीबिया में हस्तक्षेप में भाग लिया। अमेरिका और उसके नाटो सहयोगों को प्रयोग करने के बाद इसे मध्य पूर्व में अमेरिकी सहयोगियों को बेचा गया है, जहां यह 1982 के इजरायल-सीरियाई संघर्ष और 1990-91 के फारस की खाड़ी युद्ध में हवा से हवा में लड़ाई और जमीनी हमले में बहुत प्रभावी साबित हुआ।
यूक्रेन कर रहा रूस के खिलाफ प्रयोग
F-16 को यूक्रेन, रूसे के खिलाफ प्रयोग कर रहा है। यूक्रेन को F16 विमान यूरोपीय देशों की तरफ से मिले हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार कम से कम 6 F-16 य़ूक्रेन को मिले थे, जिसमें से एक नष्ट हो गया है। इसमें सवार पायलट की भी मौत हो गई है।
यूक्रेन के पास कितने F-16
13 मई 2024 को, डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा कि "डेनमार्क से F-16 कुछ ही महीनों में यूक्रेन के ऊपर हवा में होंगे।" डेनमार्क कुल 19 F-16 भेज रहा है। जुलाई 2024 के अंत तक, पहला F-16 यूक्रेन को दिया गया। 4 अगस्त 2024 को, राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने जनता के सामने घोषणा की कि F-16 अब यूक्रेन के साथ सेवा में हैं। बेल्जियम, डेनमार्क, नीदरलैंड और नॉर्वे - सभी नाटो सदस्य - यूक्रेन को 60 से अधिक विमान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह संख्या रूसी जेट लड़ाकू बेड़े के सामने बहुत कम है, जो लगभग 10 गुना बड़ा है। कीव के अधिकारियों का कहना है कि रूसी वायु शक्ति को बेअसर करने के लिए यूक्रेन को कम से कम 130 F-16 लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है।
किसने मार गिराया F-16
फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक सैन्य बयान में कहा गया है कि सोमवार को रूस द्वारा यूक्रेन पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किए जाने के बाद लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बयान में कहा गया है कि इनमें से चार रूसी मिसाइलों को F-16 विमानों ने मार गिराया। यूक्रेन में F-16 विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की यह पहली घटना है। यूक्रेन ने इस घटना के बाद अपने वायुसेना कमांडर को बर्खास्त कर दिया है।
जब भारत ने मार गिराया था F-16
बालाकोट एयरस्ट्राक के अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय सीमा में हमला करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय वायुसेना ने विफल कर दिया था। तब भारतीय वायुसेना और पाकिस्तानी वायुसेना के बीच में आसमान में जंग देखने को मिली थी। इसी हमले के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन जो मिग-21 उड़ा रहे थे, उन्होंने एक F-16 को मार गिराया था, बाद में उनका प्लेन खुद क्रैश कर गया था। भारतीय अधिकारियों ने भी पाकिस्तान वायु सेना के एक F-16 को मार गिराने का भी दावा किया। जिसे पाकिस्तानी पक्ष ने नकार दिया। हालांकि अमेरिका ने सीधे तौर पर इसका खंडन नहीं किया था, जिसने ये विमान पाकिस्तान को बेचे थे। भारत ने तब दुनिया को F-16 मार गिराने का सबूत भी दुनिया के सामने रखा था।
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