सबसे पुराने बमवर्षक TU-95 से रूस ने मचाई यूक्रेन में ऐसी तबाही कि लग गया मलबों का ढेर, खौफ ऐसा कि नाटो इसे बुलाता है 'भालू'

रूस ने यूक्रेन पर अबतक का सबसे बड़ा हमला बोला है। एक साथ सैकड़ों मिसाइलों, बमों और ड्रोन्स के जरिए रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमला बोला है। इन हमलों में यूक्रेन के कई इलाके मलबों के ढेर में बदल गए हैं। यह हमला कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की ने खुद माना है कि यह अबतक के बड़े हमलों में से एक था। रूस ने यूक्रेन पर इस हमले के लिए अपना सबसे पुराना बमवर्षक TU-95 का इस्तेमाल किया था, जिससे अमेरिका भी खौफ खाता है।

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क्रेन पर अबतक का सबसे बड़ा हमला

रूस ने सोमवार को यूक्रेन की इनर्जी सिस्टम को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया। जिसके बाद से पूरा देश अंधकार में डूब गया है। बिजली की सप्लाई बंद हो गई है। यह हमला आधी रात के आसपास शुरू हुआ और सुबह के बाद भी जारी रहा। रूसी सेना ने यूक्रेन के 15 क्षेत्रों - देश के आधे से ज़्यादा हिस्से पर ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल और हाइपरसोनिक बैलिस्टिक किंजल मिसाइलें दागीं। इसकी जानकारी खुद यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्म्यहाल ने दी।और पढ़ें

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कहां-कहां हुआ हमला

यूक्रेन में ऊर्जा परिसंपत्तियों में निवेश करने वाले डीटीईके समूह ने कहा कि सरकारी स्वामित्व वाली बिजली ट्रांसमिशन सिस्टम ऑपरेटर उक्रेनेर्गो ने पूरे देश में इमरजेंसी ब्लैकआउट का आदेश जारी किया है। यूक्रेनी मीडिया ने खुलासा किया कि ओडेसा, विनित्सिया, जापोरिज्जिया, क्रेमेनचुक, क्रिवी रीह और इवानो-फ्रैंकिव्स्क ओब्लास्ट समेत कई शहरों में विस्फोटों की जानकारी मिली है।और पढ़ें

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रूस ने निकाला अपना सबसे पुराना बमवर्षक

यूक्रेन पर जिस बमवर्षक से रूस ने हमला बोला है, वो सोवियत संघ के जमाने का है।टीयू-95 के नाम से जाना जाने वाला यह बमवर्षक एक बड़ा, चार इंजन वाला टर्बोप्रॉप-संचालित रणनीतिक बमवर्षक और मिसाइल लॉन्चर है। 1952 में पहली बार इसके उड़ान भरी थी। टीयू-95 ने 1956 में सोवियत वायु सेना के लॉन्ग-रेंज एविएशन के साथ सेवा में प्रवेश किया और 2015 में पहली बार युद्ध में इस्तेमाल किया गया। यह अभी कम से कम 2040 तक रूसी सेना में तैनात रह सकता है।और पढ़ें

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नाटो के लिए है 'भालू'

रूस के इस पुराने बमवर्षक से नाटो भी डरता है। नाटो के लिए TU-95, Bear यानि कि भालू है। टीयू-95 सबसे तेज़ आवाज़ वाले सैन्य विमानों में से एक है, खास तौर पर इसलिए क्योंकि प्रोपेलर ब्लेड की नोकें ध्वनि की गति से भी तेज चलती हैं। इसके विशिष्ट स्वेप्ट-बैक पंख 35 डिग्री के कोण पर सेट हैं। टीयू-95 एकमात्र प्रोपेलर-चालित विमान है जिसके स्वेप्ट विंग बड़ी संख्या में बनाए गए हैं। यह एकमात्र प्रोपेलर-संचालित सामरिक बमवर्षक है जो आज भी परिचालन में है।और पढ़ें

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TU-95, B-52 की तरह

अमेरिका के रक्षा विभाग ने टीयू-95 का मूल्यांकन 640 किमी/घंटा (400 मील प्रति घंटे) की अधिकतम गति से उड़ान भर सकता है। यह अमेरिका के बी-52 की तरह, टीयू-95 भी सबसे खतरनाक बमवर्षक माना जाता है। जो आज भी सेवा में है। टीयू-95 को मूल रूप से परमाणु हथियारों के लिए बनाया गया था, बाद में इसमें कई बदलाव किए गए, जैसे कि क्रूज मिसाइलों की तैनाती, समुद्री गश्त (टीयू-142), और यहां तक कि नागरिक विमान (टीयू-114)। टीयू-114 से एक एडब्ल्यूएसीएस प्लेटफॉर्म (टीयू-126) विकसित किया गया था।और पढ़ें

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शीत युद्ध का प्रतीक

शीत युद्ध का प्रतीक, टीयू-95 ने न केवल एक हथियार के रूप में बल्कि सोवियत और बाद में रूसी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के प्रतीक के रूप में भी काम किया है। आज कोल्ड वॉर के समय से लेकर आजतक रूस इसका प्रयोग अपने दुश्मनों के खिलाफ कर रहा है।और पढ़ें

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कभी यूक्रेन भी करता था प्रयोग

रूस ने जिस TU-95 से यूक्रेन पर हमला बोला है, वो कभी यूक्रेन के पास ही था। यूक्रेन ने इस घातक बमवर्षक को खुद रूस को वापस किया था। दरअसल यूक्रेन भी कभी रूस का हिस्सा था, जब सोवियत संघ टूटा तो यूक्रेन अलग देश बना। यूक्रेनी वायु सेना को सोवियत संघ के पतन के बाद 23-29 टीयू-95एमएस विमान विरासत में मिले थे। इसके बाद 2000 में गैस ऋण राहत के बदले में रूस को 3 टीयू-95 एमएस और 581 केएच-55 क्रूज मिसाइलें वापस कर दी। बाकी को अमेरिका के साथ समझौते के तहत खत्म कर दिया गया था।और पढ़ें