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इतिहास का इकलौता मुगल बादशाह, जिसकी मौत की वजह बनी सीढ़ियां

How to Die Mughal King Humayun: क्या आप जानते हैं कि भारत के इतिहास में वो इकलौता मुगल बादशाह कौन हुआ, जिसकी मौत की वजह सीढ़ियां बनीं। जी हां, सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा, लेकिन सच यही है कि मुगल सल्तनत के दूसरे बादशाह की मौत ऐसे हुई जो किसी ने कभी सोची भी नहीं थी। कौन था ये बादशाह, आपको सारी कहानी बताते हैं।

इतिहास का सबसे डरपोक बादशाह इतिहास का सबसे डरपोक बादशाह
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इतिहास का सबसे डरपोक बादशाह

ये उसी मुगल बादशाह की कहानी है, जिसे इतिहास का सबसे डरपोक बादशाह के तौर पर जाना जाता है। ये मुगल साम्राज्य का दूसरा बादशाह था। यानी ये उस राजा से जुड़ा किस्सा है, जो बाबर का बेटा था।

जिसके राज में आई सबसे बड़ी चुनौतियां जिसके राज में आई सबसे बड़ी चुनौतियां
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जिसके राज में आई सबसे बड़ी चुनौतियां

मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक बाबर के बेटे हुमायूं के बारे में वैसे तो कई किस्से मशहूर हैं। लेकिन आपने कभी ये सोचा है कि आखिर इन्हें इतिहास का सबसे कमजोर मुगल बादशाह क्यों कहा जाता है?

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22 वर्ष की आयु में सिंहासन पर बैठे

26 दिसंबर, 1530 को हुमायूं को बादशाहत मिली, यानी 22 की उम्र में वो सिंहासन पर बैठे। उनके शासनकाल में कई चुनौतियां आईं, आंतरिक पारिवारिक संघर्ष और प्रतिद्वंद्वी शासकों से लगातार हार मिलती रही और उनकी गिनती कमजोर और डरपोक शासक में होने लगी।

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हुमायूं द्वारा छोड़ी गई विरासत किसे मिली?

इस मुगल शासक ने कई उतार चढ़ाव देखें, काफी हार झेली। जब वापस बादशाहत मिली तो उसकी अचानक मृत्यु ने सभी को असमंजस में डाल दिया। मुगल साम्राज्य को उनके छोटे बेटे अकबर के हाथों में छोड़ दिया गया, जो आगे चलकर सबसे महान मुगल सम्राटों में से एक बने।

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कैसे हुई थी मुगल बादशाह हुमायूं की मृत्यु?

जिस प्रकार हुमायूं का जीवन काफी उतार चढ़ाव वाला और एक नाटकीय चित्रण की तरह था, उनकी मौत भी कुछ उसी तरह हुई। जी हां, हुमायूं की मृत्यु उनके जीवन की तरह ही नाटकीय थी। 27 जनवरी, 1556 को, वे दिल्ली में अपने पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर गए और अपनी चोटों के कारण दम तोड़ दिया।

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हुमायूं की विधवा ने बनवाया विश्व प्रसिद्ध मकबरा

मुगल बादशाह हुमायूं की मृत्यु के बाद अकबर ने गद्दी तो संभाल ली, लेकिन उनकी विधवा बेगा बेगम ने अपने शौहर की याद में दिल्ली में हुमायूं का मकबरा बनवाया था। ये मकबरा मुगल वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।