क्या था IC 814 हाईजैक, जिसके बदले में भारत सरकार को छोड़ने पड़े थे तीन खूंखार आतंकी

The Kandahar Hijack Story: अपहरणकर्ताओं के नाम को लेकर 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' वेब सीरीज पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस वेब सीरीज विवाद में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेट प्रमुख को दिल्ली तलब किया है तो वहीं, सोशल मीडिया पर बॉलीवुड को बायकॉट की मांग ने फिर से जोर पकड़ लिया है। ऐसे में ये जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि इस वेब सीरीज को लेकर विवाद क्या है?

जब हाईजैक हुई आईसी 814
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जब हाईजैक हुई आईसी 814

तारीख थी 24 दिसंबर और साल था 1999... नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 ने नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी। हालांकि, जैसे ही फ्लाइट हवा में पहुंची, विमान में सवार पांच आतंकियों ने उसे हाईजैक कर लिया। 176 यात्री सवार थे, इनमें से कुछ विदेशी भी थे।और पढ़ें

विमान को लाहौर ले जाया गया
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विमान को लाहौर ले जाया गया

विमान को शाम के समय नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचना था, लेकिन थोड़ी देर बाद ही उसके हाईजैक होने की जानकारी मिली। फ्लाइट को बंदूक की नोक पर दिल्ली की बजाए अमृतसर ले जाया गया, क्योंकि आईसी 814 में ईंधन खत्म हो रहा था। कुछ समय तक विमान अमृतसर रुका रहा फिर भी वो काम नहीं हुआ जिसके लिए उतारा गया था। नतीजतन आंतकियों के निर्देश पर पायलट विमान को लाहौर लेकर पहुंचा।और पढ़ें

कंधार के लिए रवाना हो गया विमान
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कंधार के लिए रवाना हो गया विमान

यहां भी फ्लाइट आईसी 814 ने उतरने की अनुमति मांगी, मगर पाकिस्तानी एटीसी ने उसे अस्वीकार कर दिया। बाद में विमान को उतरने की परमिशन मिली और ईंधन भरने के बाद विमान को संयुक्त अरब अमीरात के अल मिन्हाद एयर बेस पर उतारा गया। यहां अपहरणकर्ताओं ने 27 यात्रियों को रिहा कर दिया। वहां से विमान सीधे अफगानिस्तान के कंधार के लिए रवाना हो गया।और पढ़ें

पाकिस्तानी थे सभी हाईजैकर्स
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पाकिस्तानी थे सभी हाईजैकर्स

जिन पांच आतंकियों ने फ्लाइट को हाईजैक किया था, वह सभी पाकिस्तानी थे। उनका मकसद था भारत की जेल में बंद मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर की रिहाई। जनवरी 2000 की विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, विमान में सवार अपहरणकर्ताओं ने अपने नाम को छिपाया था और वे काल्पनिक नाम चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर नाम से एक-दूसरे को संबोधित करते थे।और पढ़ें

कंधार के लिए रवाना हुई टीम
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कंधार के लिए रवाना हुई टीम

आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन के पांच आतंकवादियों के नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, मिस्त्री जहूर इब्राहिम और शाकिर था। 25 और 26 दिसंबर को भारत की ओर से बातचीत का दौर शुरू हुआ। 27 दिसंबर को भारत सरकार ने गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक काटजू की अध्यक्षता में एक टीम को कंधार के लिए रवाना किया। इसमें गृह मंत्रालय के अधिकारी अजीत डोभाल और सीडी सहाय भी शामिल थे।और पढ़ें

सभी नागरिकों को रिहा किया गया
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सभी नागरिकों को रिहा किया गया

हाईजैक के लगभग आठ दिन के बाद 31 दिसंबर 1999 को सभी नागरिकों को रिहा कर दिया गया। नागरिकों की रिहाई के बदले में अपहरणकर्ताओं को मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को सौंपा गया। खौफ भरे 8 दिन के बाद सभी नागरिकों को सकुशल भारत लाया गया। जिस वक्त विमान हाईजैक हुआ था, उस समय भारत में एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। आतंकियों की रिहाई के लिए सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी। उन्होंने 10 लोगों को आरोपी बनाया था, इनमें पांच अपहरणकर्ताओं सहित सात आरोपी अभी भी फरार हैं और उनके ठिकानों के बारे में आज तक पता नहीं लग पाया है।और पढ़ें

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