आजादी के हुए 77 साल, कहां पहुंच गया भारत और कहां खड़ा है आज पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को आजाद हुए 77 साल हो चुके हैं। भारत 15 अगस्त आजाद हुआ था और पाकिस्तान 14 अगस्त को। दोनों अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। कई दशक पहले ब्रिटिश शासन के बाद पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में दोनों देशों ने एक लंबा सफर तय किया है। एक साथ आजादी पाने वाले दोनों देशों के बीच अंतर साफ नजर आता है। 77 साल बाद भारत एक सफल लोकतंत्र का एक चमकदार उदाहरण बन गया है, वहीं, पाकिस्तान तानाशाही के झटकों के बाद लगातार अस्थिर बना हुआ है और आज एक आतंकवादी देश कहलाता है। 78वें स्वतंत्रता दिवस से पहले आइए विकास के आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर दोनों देशों की तुलना करें और आकलन करें कि भारत और पाकिस्तान में कितना अंतर है और भारत कितना बेहतर बनकर उभरा हैं।
एक साथ मिली आजादी
ब्रिटिश शासन से 1947 में एक साथ आजादी पाने वाले दोनों देशों के बीच अंतर साफ नजर आता है। 77 साल बाद भारत एक सफल लोकतंत्र का एक चमकदार उदाहरण बन गया है, वहीं, पाकिस्तान तानाशाही के झटकों के बाद लगातार अस्थिर बना हुआ है और आज एक आतंकवादी देश का टैग लगाए घूम रहा है।
अर्थव्यवस्था
3.937 ट्रिलियन डॉलर के साथ भारत वर्तमान में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है। 2024 में भारत की जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी, जो हमें आर्थिक आकार के मामले में जापान के बराबर खड़ा कर देगी। भारत वर्तमान में 6.5-7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। अर्थव्यवस्था - पाकिस्तान 374.90 बिलियन डॉलर के साथ पाकिस्तान दुनिया की 46वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 2.38 प्रतिशत है।
प्रति व्यक्ति आय
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन द्वारा दी गई एक प्रस्तुति के अनुसार, जैसे-जैसे भारत 2047 में अपनी आजादी के 100वें वर्ष के करीब पहुंच रहा है, देश की प्रति व्यक्ति आय 14.9 लाख रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। वी अनंत नागेश्वरन के अनुसार, 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 2.12 लाख रुपये है। डॉलर के लिहाज से यह 2,500 डॉलर पर है। पाकिस्तानपाकिस्तान की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 1,680 डॉलर हो गई है, और अर्थव्यवस्था का आकार 375 अरब डॉलर हो गया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर
भारत ने मेगा एक्सप्रेसवे, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, भारतमाला परियोजनाओं सहित बुनियादी ढांचे के निर्माण में एक बड़ी छलांग लगाई है। कम से कम 15 भारतीय शहरों में मेट्रो रेल सेवा मौजूद है। कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, गुरुग्राम, मुंबई, नोएडा, कोच्चि, लखनऊ, नागपुर, कानपुर और पुणे में मेट्रो चल रही है। भारत में साहिबाबाद और दुहाई के बीच पहला रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) भी चल रहा है - जो नई दिल्ली-मेरठ हाई स्पीड रेल ट्रांजिट सिस्टम का हिस्सा है। सार्वजनिक परिवहन के आधुनिकीकरण में भारत के लिए एक और मील का पत्थर स्वदेशी रूप से विकसित वंदे भारत ट्रेनें और आगामी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना हैं। पाकिस्तानबुनियादी ढांचे के निर्माण के मामले में पाकिस्तान में बहुत कुछ नहीं किया गया है, केवल एक शहर लाहौर में ही मेट्रो ट्रेन प्रणाली है।
विदेशी मुद्रा भंडार
1960 के दशक में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 0.67 बिलियन डॉलर था और 2024 तक, अब यह 674.919 बिलियन डॉलर हो गया है। वहीं, 1960 के दशक में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 0.32 बिलियन डॉलर था, लेकिन इसमें ज्यादा वृद्धि नहीं हुई और यह दहाई अंक को भी पार नहीं कर पाया। 2024 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 8.21 बिलियन डॉलर है।
महंगाई दर
जुलाई, 2024 महीने के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) संख्या 3.54% है, जबकि ग्रामीण और शहरी के लिए मुद्रास्फीति दर 4.10% और 2.98% है। वहीं, 2024 में पाकिस्तान में मुद्रास्फीति दर दुनिया में सबसे अधिक में से एक रही और 24.8% है। 2022 के लिए पाकिस्तान की मुद्रास्फीति दर 19.87% थी, जो 2021 से 10.38% अधिक है।
रक्षा बजट
केंद्रीय बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा मंत्रालय को करीब 6.22 लाख करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया है जो अन्य सभी मंत्रालयों की तुलना में सबसे अधिक है। रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा जहां वेतन-पेंशन पर खर्च होगा वहीं पूंजीगत खर्च के लिए करीब 172000 करोड़ रुपये आवंटित हुआ है। इसमें से 105518 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वदेशी रक्षा कंपनियों से रक्षा उत्पादों की खरीद पर खर्च की जाएगी।वहीं, पाकिस्तान ने 2024-25 में अपने रक्षा खर्च के लिए 2,122 अरब रुपये आवंटित किए हैं जो जीडीपी का 1.7% है।
साक्षरता दर
भारत की कुल साक्षरता दर 74% है जिसमें 65.8% शिक्षित महिलाएँ और 82.4% साक्षर पुरुष हैं। जबकि पाकिस्तान में कुल साक्षरता दर 58% है जिसमें से 46.5% महिलाएं और 69.3% पुरुष हैं।
गरीबी दर
फरवरी 2024 में जारी भारतीय स्टेट बैंक के शोध के अनुसार, 2022-23 में देश में गरीबी दर गिरकर 4.5-5% हो गई। ग्रामीण गरीबी घटकर 7.2% और शहरी गरीबी घटकर 4.6% रह गई। इस गिरावट का श्रेय पिरामिड के निचले स्तर पर लक्षित सरकारी कार्यक्रमों को दिया जाता है। वहीं, विश्व बैंक के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-2026 के दौरान पाकिस्तान में गरीबी दर 40% के आसपास रहने की संभावना है।
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