भारत का पहला मंगल मिशन, जिसका बजट जानकर ही हिल गई थी दुनिया

भारत ने अपना पहला मंगल मिशन 2013 में लॉन्च किया था। जिसे आम तौर पर दुनिया मंगलयान के नाम से जानती है। भारत के पहले मंगलयान का बजट सुनकर दुनिया हैरान रह गई थी। जितने पैसे में हॉलीवुड वाले एक फिल्म बनाते हैं, उससे भी कम पैसे में भारत ने अपना मंगल पर यान उतार दिया था।

कब लॉन्च हुआ था भारत का पहला मंगलयान
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कब लॉन्च हुआ था भारत का पहला मंगलयान

मंगल ग्रह पर भारत का पहला अंतरग्रहीय मिशन, मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) 05 नवंबर, 2013 को पीएसएलवी-सी25 के जरिए प्रक्षेपित किया गया था। भारत ने अपने पहले ही प्रयास में मंगल पर फतह हासिल कर लिया था। मंगल पर यान उतारने में तब कई बड़े देश पहले प्रयास में फेल हो गए थे।

मंगलयान ने रचे थे कई इतिहास
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मंगलयान ने रचे थे कई इतिहास

यह भारत का अंतरग्रहीय यात्रा का पहला प्रयास था और कुछ हद तक अप्रत्याशित सफलता भी मिली थी - इसरो से पहले, कोई भी अन्य अंतरिक्ष एजेंसी अपने पहले प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करने में सफल नहीं हुई थी। इसरो यह उपलब्धि हासिल करने वाली तब चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बन गई थी। अमेरिका के नासा, रूस के रोस्कोसमोस और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद इसरो ने मंगल पर अपना यान उतारा था।और पढ़ें

कितना था मंगलयान का बजट
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कितना था मंगलयान का बजट

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अपने पहले मंगलमिशन पर सिर्फ 450 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो बाकि तीन एजेंसियों से काफी कम था। यह कई हॉलीवुड फिल्मों जैसे मैट डेमन अभिनीत द मार्टियन (2015) के बजट से 25 मिलियन डॉलर कम है।

 6 महीने की जगह चला आठ साल
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6 महीने की जगह चला आठ साल

पहले मंगलयान को सिर्फ 6 महीने के मिशन के लिए लॉन्च किया गया था, लेकिन मंगल पर पहुंचने के बाद यह यान सालों तक चलते रहा। ऑर्बिटर की मिशन अवधि केवल छह महीने की थी, फिर भी यह अप्रैल 2022 तक पृथ्वी के संपर्क में रहा, जब अंततः संभवतः ईंधन संसाधनों के समाप्त हो जाने के कारण संचार टूट गया।

मंगलयान को मंगल तक पहुंचने में कितना समय लगा था
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मंगलयान को मंगल तक पहुंचने में कितना समय लगा था

मंगल की कक्षा तक पहुँचने के लिए MOM यानि कि मंगलयान को लगभग 300 दिन लगे थे। एमओएम को 5 नवम्बर 2013 को पीएसएलवी-एक्सएल के माध्यम से प्रक्षेपित किया गया था। जो 298 दिनों के बाद 24 सितम्बर 2014 को मंगल की कक्षा में स्थापित हुआ था।

मंगलयान से क्या मिला
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मंगलयान से क्या मिला

इस मिशन ने मंगल ग्रह की सतह और वायुमंडल के साथ-साथ अन्य ग्रहों और सौर घटनाओं का अध्ययन करके अपने कई वैज्ञानिक उद्देश्य भी हासिल किए। इसने लाल ग्रह की अब तक की सबसे आश्चर्यजनक तस्वीरें भी लीं।

 दुनिया भर से मिली तारीफ
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दुनिया भर से मिली तारीफ

मंगल ऑर्बिटर मिशन ने देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसरो को उसके इस अभूतपूर्व प्रयास के लिए अमेरिका से लेकर चीन तक पूरी दुनिया ने सराहा। मंगलयान के कम बजट को लेकर भी दुनिया ने भारत की जमकर तारीफ की।

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