कोलकाता से सिर्फ 45 सेकंड में पहुंचेंगे हावड़ा, देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो कल से भरेगी रफ्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और अमृतकाल में भारत दिन प्रतिदिन नए-नए कीर्तिमान रच रहा है। 6 मार्च को पीएम मोदी देश की पहली अंडरवॉटर मैट्रो की सौगात कोलकाता वासियों को देने जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भारत का पहला अंडरवॉटर मैट्रो ट्रैक तैयार हो गया है और ट्रायल रन भी पूरा कर लिया गया है।

कोलकाता से सिर्फ 45 सेकंड में पहुंचेंगे हावड़ा देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो कल से भरेगी रफ्तार
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कोलकाता से सिर्फ 45 सेकंड में पहुंचेंगे हावड़ा, देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो कल से भरेगी रफ्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 मार्च को कोलकाता में नव निर्मित भारत की पहली अंडर-रिवर मेट्रो सुरंग का उद्घाटन करने जा रहे हैं। हुगली नदी के नीचे बनी सुरंग कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का हिस्सा है, जो हावड़ा मैदान को एस्प्लेनेड से जोड़ती है। देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड मेट्रो लाइन भारत में किसी भी शक्तिशाली नदी के नीचे पहली परिवहन सुरंग है, जबकि हावड़ा मेट्रो स्टेशन सबसे गहरा (सतह से 33 मीटर नीचे) है, जो देश में अपनी तरह का इकलौता है। मेट्रो हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की दूरी 45 सेकंड में तय कर लेगी।और पढ़ें

आम लोगों के लिए खोली जाएगी अंडरवॉटर मेट्रो
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आम लोगों के लिए खोली जाएगी अंडरवॉटर मेट्रो

पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद आमलोगों के लिए खोल दिया जाएगा। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में, हुगली नदी के 26 मीटर नीचे मेट्रो दौड़ रही है। इसके लिए 2009 में अलग-अलग कंपनियों से कांट्रैक्ट किया गया था। 2010 में काम शुरू हुआ। इस कॉरिडोर पर सबसे बड़ी चुनौती हावड़ा ब्रिज के पास से हुगली नदी में पानी के अंदर 520 मीटर की सुरंग बनाना था। जिसे पूरा करने में 13 साल का समय लग गया। अब यहां फेज-1 से साल्ट लेक और सियालदाह तक 8 स्टेशन बन चुके हैं।और पढ़ें

भूकंप सह सकती है टनल पानी लीक हुआ तो तुरंत चलेगा पता
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​भूकंप सह सकती है टनल, पानी लीक हुआ तो तुरंत चलेगा पता​

अंडर वाटर मेट्रो में सबसे बड़ी चुनौती वाटर प्रूफिंग थी। दरअसल, यह टनल नदी से 26 मीटर नीचे बनाई गयी है। ऐसे में सबसे पहले यही पुख्ता करने की जरूरत थी कि टनल में एक बूंद पानी न जाए। टनल बनाने वाली कंपनी अफकॉन्स ने यह काम रूसी कंपनी ट्रांसटोनेल्ट्रॉय के साथ काम किया। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इसे ऐसे तैयार किया गया है ताकि टनल में जरा भी पानी पहुंचे तो उसके गैसकेट खुल जाएंगे। यह टनल भूकंप भी सह सकता है।और पढ़ें

देश की सबसे गहरी टनल
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​देश की सबसे गहरी टनल​

अनिल खंडेलवाल, मेंबर इंफ्रा रेलवे बोर्ड ने बताया कि 520 मीटर लंबे इस टनल को पार करने में मेट्रो को एक मिनट से भी कम समय लगता है। इस कॉरिडोर पर कुल 12 स्टेशन हैं, इनमें से आधे स्टेशन अंडरग्राउंड हैं। यह टनल देश का सबसे गहरा टनल है। जो जमीन से 30 मीटर नीचे है। उदय रेड्डी, GM कोलकाता मैट्रो रेल ने बताया कि कोलकाता की हुगली नदी के नीचे बनी इस टनल के लिए लगातार कई दिन तक बस खोदाई का काम चला था। इंजीनियरों के मुताबिक टनल की खोदाई 2017 में शुरू हुई थी यह काम लगातार इसलिए करना था, क्योंकि लीकेज और धंसाव का डर लगातार था। ऐसे में एक भी दिन काम को रोका नहीं जा सकता था।और पढ़ें

चुनिंदा देशों में शामिल भारत
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​चुनिंदा देशों में शामिल भारत​

कोलकाता की हुगली नदी के 26 मीटर नीचे बने इस 520 मीटर टनल में मेट्रो दौड़ाने के साथ ही भारत विश्व के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जहां अंडरवॉटर मेट्रो दौड़ रही है। अभी तक पेरिस, लंदन, न्यूयॉर्क, शंघाई और काहिरा ही ऐसे शहर हैं जहां पर पानी के अंदर मेट्रो दौड़ती है। अब कोलकाता का नाम भी इन शहरों की लिस्ट में जुड़ गया है। इस मेट्रो रूट पर चार स्टेशन हैं। जिनमें एस्प्लेनेड, महाकरण, हावड़ा और हावड़ा मैदान शामिल हैं। कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत करीब 520 मीटर लंबी का निर्माण किया गया है। ये सुरंग पूर्वी हिस्से में साल्ट लेक सेक्टर V को कवर करते हुए पश्चिम में हावड़ा मैदान तक नदी के किनारे तक जाती है।और पढ़ें

सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन
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​सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन​

हावड़ा स्टेशन सबसे ज्यादा 33 मीटर तक गहरा है। अभी दिल्ली मेट्रो का हौज खास स्टेशन 29 मीटर तक सबसे ज्यादा गहरा स्टेशन है। सुरंग को बनाने में प्रति किलोमीटर 120 करोड़ रुपये तक का खर्च बताया जा रहा है। कोलकाता मेट्रो ग्रीन लाइन या ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की बात करें तो यह 16.6 किलोमीटर लंबा है। यह सेक्टर पांच और हावड़ा को जोड़ता है। सेक्टर पांच से सियालदह के बीच मेट्रो का संचालन पहले से जारी है जिसके बीच कुल छह स्टेशन हैं। सियालदह और एस्प्लेनेड के बीच टनल है जो हुगली नदी के अंदर बनाया गया है। इस टनल की लंबाई 520 मीटर है। सियालदह-एस्प्लेनेड सेक्शन 2.5 किलोमीटर का है। उसके बाद एस्प्लेनेड-हावड़ा सेक्शन 4.5 किलोमीटर का है। ईस्ट बाउंड टनल की मदद से मेट्रो साल्ट लेक सेक्टर पांच से हावड़ा की तरफ जाएगी।और पढ़ें

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