ISS अंतरिक्ष मिशन के लिए ISRO ने एयरफोर्स के इस जांबाज अफसर को चुना, गगनयान के लिए मिलेगी खास ट्रेनिंग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए भारत-अमेरिका मिशन के लिए अपने नामित अंतरिक्ष यात्रियों को चुन लिया है। इसरो के लिए पहला मानव मिशन गगनयान बेहद अहम है और इसी के मद्देनजर सभी तैयारियां हो रही हैं। इसरो का ये महत्वाकांक्षी मिशन अगले कुछ सालों में शुरू होने वाला है। इसके लिए इसरो लगातार परीक्षण का दौर भी चला रहा है। आइए जानते हैं उन दो अफसरों के बारे में जिसे इस खास मिशन के लिए चुना गया है।

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ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को चुना गया

इसरो ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्रमुख अंतरिक्ष यात्री नामित किया गया है। शुक्ला के साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी होंगे और ये दोनों आगामी आईएसएस मिशन का हिस्सा होंगे। ग्रुप कैप्टन नायर को सुभांशु शुक्ला के बैकअप के रूप में नामित किया गया है।

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शुभांशु शुक्ला के बैकअप होंगे ग्रुप कैप्टन नायर

ग्रुप कैप्टन शुक्ला और नायर भारतीय वायु सेना के अफसर हैं और आगामी बेहद जोखिम वाले अंतरिक्ष मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) द्वारा अमेरिका स्थित अंतरिक्ष इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) के साथ एक अंतरिक्ष उड़ान समझौते के तहत दोनों अफसर ट्रेनिंग लेंगे।

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एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा

ग्रुप कैप्टन शुक्ला और नायर एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा होंगे जहां वे प्राथमिक मिशन पायलट और बैकअप पायलट के तौर पर जिम्मेदारी पूरी करेंगे।

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कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

ग्रुप कैप्टन शुक्ला, जिन्हें हाल ही में प्रमोशन मिला है, उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र, उन्हें 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू स्ट्रीम में नियुक्त किया गया था।

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फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट

ग्रुप कैप्टन शुक्ला एक फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग 2,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30एमकेआई, मिग-21, मिग-29, एएन-32, डोर्नियर, हॉक और जगुआर विमान भी उड़ाए हैं।

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कारगिल युद्ध से प्रेरित रहे सुधांशु शुक्ला

सुभांशु शुक्ला कारगिल युद्ध की बहादुरी की कहानियों से प्रेरित थे और बाद में सशस्त्र बलों में शामिल हो गए। 1999 में युद्ध छिड़ने पर वह सिर्फ 14 साल के थे और इस ऐतिहासिक घटना ने उनकी भविष्य की महत्वाकांक्षाओं को आकार दिया। 39 साल की उम्र में वह नामित अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुने जाने वाले सबसे कम उम्र के अंतरिक्ष यात्री हैं।

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कौन हैं ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर?

इस बीच, मिशन के लिए बैक-अप अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर का जन्म 26 अगस्त 1976 को केरल के तिरुवज़ियाड में हुआ था। नायर जो राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र भी हैं, एयर फोर्स एकेडमी में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्राप्त कर चुके हैं।

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फाइटर स्ट्रीम में कमीशन मिला

19 दिसंबर 1998 को नायर को फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था। उनके पास उड़ान प्रशिक्षक होने की सर्वोच्च उपलब्धि भी है और उनके पास लगभग 3000 घंटे की उड़ान का अनुभव है।

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राकेश शर्मा एकमात्र भारतीय अंतरिक्ष यात्री

यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि अब तक भारत के पास एक ही अंतरिक्ष यात्री है, इनका नाम है विंग कमांडर राकेश शर्मा जो 1984 में भारत-सोवियत मिशन पर अंतरिक्ष गए थे।