वायुसेना का वो ऑपरेशन, जिसने कारगिल वॉर में पाकिस्तानी घुसपैठियों की तोड़ दी कमर
वायुसेना के उस ऑपरेशन को आज 25 साल हो गए, जिसने कारगिल वॉर में पाकिस्तानी घुसपैठियों की कमर तोड़ दी थी। कारगिल युद्ध के समय इंडियन एयरफोर्स ने ऑपरेशन सफेद सागर चलाया था। जिसने पाकिस्तानी घुसपैठियों का न सिर्फ पता लगाया बल्कि उनपर आकाश से हमला भी किया।
क्या था ऑपरेशन सफेद सागर
ऑपरेशन सफेद सागर 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के साथ संयुक्त रूप से कार्य करने में भारतीय वायु सेना की भूमिका को सौंपा गया कोड नाम था, जिसका उद्देश्य नियंत्रण रेखा के साथ कारगिल क्षेत्र में खाली किए गए भारतीय ठिकानों से पाकिस्तानी सेना के नियमित और अनियमित सैनिकों को बाहर निकालना था। यह 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद से जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में वायुशक्ति का पहला बड़े पैमाने पर उपयोग था।और पढ़ें
पाकिस्तानी की कारगिल में नापाक हरकत
मई 1999 की शुरुआत में कारगिल में शुरुआती पाकिस्तानी घुसपैठ देखी गई थी। कश्मीर में अत्यधिक सर्दी के मौसम के कारण, भारतीय और पाकिस्तानी सेना के लिए अग्रिम चौकियों को छोड़ना और वसंत में उन पर फिर से कब्ज़ा करना आम बात थी। उस विशेष वसंत में, पाकिस्तानी सेना ने निर्धारित समय से पहले ही अग्रिम चौकियों पर फिर से कब्ज़ा करना शुरू कर दिया। कश्मीर पर कब्ज़ा करने की अपनी कोशिश के शुरुआती चरण में, उन्होंने न केवल अपनी चौकियों पर बल्कि भारत की 132 चौकियों पर भी फिर से कब्ज़ा कर लिया। और पढ़ें
क्या है कारगिल वॉर
मई के दूसरे सप्ताह में, बटालिक सेक्टर में एक स्थानीय चरवाहे की सूचना पर काम कर रहे भारतीय सेना के गश्ती दल पर घात लगाकर किए गए हमले से घुसपैठ का पर्दाफाश हुआ। जिसके बाद भारतीय सेना घुसपैठियों को मार भगाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया, जिसे हम कारगिल वॉर के नाम से जानते हैं। इसी युद्ध में सेना का साथ देने के लिए वायुसेना भी मैदान में उतर आई थी।और पढ़ें
ऑपरेशन सफेद सागर
जमीन पर चल रहे सेना के अभियानों के समर्थन में ऑपरेशन सफ़ेद सागर के तहत भारतीय वायुसेना के अपने "आक्रामक हवाई अभियान" 26 मई को शुरू हुए। पूरे संघर्ष के दौरान, भारतीय मिग-21, मिग-27 और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा के "अपने हिस्से" से ही "दुश्मन के गढ़वाले ठिकानों" पर रॉकेट और मिसाइलें दागीं।और पढ़ें
पांच हजार लड़ाकू मिशन
कुल मिलाकर वायुसेना ने लगभग पांच हजार लड़ाकू मिशन, 350 टोही/ईएलआईएनटी मिशन और लगभग 800 एस्कॉर्ट उड़ानें भरीं। भारतीय वायुसेना ने घायलों को सुरक्षित निकालने और हवाई परिवहन कार्यों के लिए दो हजार से अधिक हेलीकॉप्टर उड़ानें भी भरीं।
वायुसेना के जवानों की बहादुरी
वायुसेना स्टेशन सरसावा की 152 हेलीकॉप्टर यूनिट, 'द माइटी आर्मर' ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 28 मई 1999 को 152 एचयू के स्क्वाड्रन लीडर आर पुंडीर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मुहिलान, सार्जेंट पीवीएनआर प्रसाद और सार्जेंट आरके साहू को तोलोलिंग में दुश्मन के ठिकानों पर सीधा हमला करने के लिए 'नुबरा' फॉर्मेशन के रूप में उड़ान भरने की जिम्मेदारी दी गई थी।और पढ़ें
चार सैनिक हुए थे शहीद
इस हवाई हमले को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद उनके हेलीकॉप्टर को दुश्मन की स्टिंगर मिसाइल ने निशाना बनाया जिसमें चार वीर सैनिकों ने प्राणों का बलिदान दिया और असाधारण साहस के इस कार्य के लिए उन्हें मरणोपरांत वायुसेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया।
इंटरनेशनल क्रिकेट में चौकों की झड़ी लगाने वाले बल्लेबाज, अंतिम नाम सबसे खतरनाक
IPL में सबसे तेज अर्धशतक जड़ने वाले खिलाड़ी, टॉप पर युवा बल्लेबाज
IPL 2025 में पोंटिंग के आते ही बदल जाएगी पंजाब किंग्स, ऐसी होगी सबसे मजबूत टीम
Meta AI ने चुनी भारत-पाक को मिलाकर बेस्ट ODI प्लेइंग 11, ऐसी टीम से जीतना मुश्किल
IPL 2025 में ऐसी होगी कोलकाता नाइट राइडर्स की बेस्ट प्लेइंग 11
भारत तनाव के बावजूद मालदीव को देगा 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता, भारतीय उच्चायोग ने दी जानकारी
Viral Video: क्या आप भी लेना चाहेंगे 'तबला स्टाइल हेड मसाज?' अंकल जी का वीडियो देख फैन हुए यूजर्स
Ajab Gajab: एक रात के लिए इस कपल ने खर्च किए 3.5 लाख रुपये ! होटल का बिल देख यूजर्स को लगा सदमा
Weather Today: Delhi-NCR में फिर शुरू होगा बारिश का दौरा, इस दिन से झमाझम बरसेंगे मेघ; जानें कब होगी मानसून की विदाई
UKSSSC Recruitment 2024: खुशखबरी! उत्तराखंड में निकली बंपर सरकारी नौकरी, 12वीं पास से ग्रेजुएट करें अप्लाई
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited