40 घंटे के मिशन के बाद समुद्री लुटरों का सरेंडर, फोटोज से समझिए Indian Navy ने कैसे चलाया ऑपरेशन
भारतीय नौसेना अरब सागर से लेकर हिंद महासागर तक देश की समुद्री सुरक्षा करने के लिए हर पल तैयार रहती है। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना ने बंधक बनाए गए मछली पकड़ने वाले ईरानी पोत और उसके चालक दल के सदस्य के रूप में कार्यरत 23 पाकिस्तानी नागरिकों को समुद्री लुटेरों के खिलाफ चले अभियान के बाद छुड़ा लिया।
40 घंटे के मिशन के बाद समुद्री लुटरों का सरेंडर, फोटोज से समझिए Indian Navy ने कैसे चलाया ऑपरेशन
भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना ने बंधक बनाए गए मछली पकड़ने वाले ईरानी पोत और उसके चालक दल के सदस्य के रूप में कार्यरत 23 पाकिस्तानी नागरिकों को समुद्री लुटेरों के खिलाफ चले अभियान के बाद छुड़ा लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नौसेना के प्रवक्ता की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार भारतीय नौसेना की विशेषज्ञ टीमों ने मछली पकड़ने वाले पोत की गहन जांच की हैं ताकि मछली पकड़ने के काम को फिर से शुरू करने के लिए उसे सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया जा सके।
सशस्त्र समुद्री डाकू
भारतीय नौसेना ने कहा था कि वह अगवा किए गए मछली पकड़ने वाले पोत को बचाने के लिए एक अभियान में लगी है जिस पर कथित तौर पर नौ सशस्त्र समुद्री डाकू और उसके चालक दल सवार हो गए हैं।
अल कंबर
नौसेना ने कहा कि जहाज को बृहस्पतिवार को रोक लिया गया। इसमें कहा गया कि ‘आईएनएस सुमेधा ने शुक्रवार तड़के एफवी ‘अल कंबर’ को रोका और बाद में आईएनएस त्रिशूल भी इसमें शामिल हो गया।’ घटना के समय मछली पकड़ने वाला पोत सोकोट्रा से लगभग 90 समुद्री मील (एनएम) दक्षिण पश्चिम में था और बताया गया है कि सशस्त्र समुद्री लुटेरे उस पर सवार थे।
समुद्री डकैती रोधी अधिनियम
भारतीय नौसेना की ओर कहा गया कि विशेषज्ञ टीमों ने सभी नौ समुद्री डाकुओं को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया। उन्हें 2022 के समुद्री डकैती रोधी अधिनियम के अनुसार कानूनी कार्रवाई के लिए भारत लाया जा रहा है।
समुद्री सुरक्षा
नौसेना ने कहा कि 28 मार्च को ईरानी मछली पकड़ने वाली नौका अल-कंबर पर संभावित समुद्री डकैती की घटना की जानकारी मिलने के बाद समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए अरब सागर में तैनात दो नौसैनिक जहाजों को अपहृत मछली नौका को रोकने के लिए भेजा गया था।
रुएन
बता दें इस महीने की शुरुआत में भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन में, भारतीय तट से लगभग 2600 किमी दूर चल रहे हमलावर समुद्री डाकू जहाज रुएन को रुकने के लिए मजबूर कर दिया था।
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