इस साल कितनी रही रेलवे की कमाई, सुनकर रह जाएंगे दंग
भारतीय रेलवे दुनिया की चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेलवे रोजाना 231 लाख लाख यात्रियों और 33 लाख टन माल ढोती है। रोजाना लाखों यात्री इससे यात्रा करते हैं। देशभर में रेल नेटवर्क का जाल बिछा हुआ है। अपने विशाल नेटवर्क की तरह रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में जबरदस्त कमाई भी की है। इसके जरिए भारतीय रेलवे आखिरकार तीन साल के बाद अपने पेंशन खर्च को पूरी तरह से पूरा करने में सक्षम हुआ है। पीआईबी द्वारा जारी किए गए रेल मंत्रालय के बयान में ये बात सामने आई है। जानिए कि इस दौरान रेलवे को कितनी कमाई हुई है।

रेलवे ने कमाए 2.4 लाख करोड़ रुपये
2022-23 के दौरान रेलवे को कुल 2.4 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। ये पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। और उसके राजस्व में लगभग 49,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई।

यात्रियों से कमाए 63,300 करोड़
रेलवे ने 2022-23 में यात्री राजस्व के रूप में 63,300 करोड़ रुपये कमाए। यह पिछले वित्तीय वर्ष से 61 प्रतिशत ज्यादा है जब कमाई 39,214 करोड़ रुपये थी।

माल ढुलाई से कमाया दोगुना
2023 के वित्तीय वर्ष में माल ढुलाई राजस्व यात्री राजस्व से दोगुना से भी अधिक था। ये लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.62 लाख करोड़ रुपये रहा। इस अवधि में भारतीय रेलवे का सकल राजस्व 2,39,803 करोड़ रुपये रहा। 2021-22 में यह 1,91,278 करोड़ रुपये था। रेलवे का कुल खर्च भी 2021-22 के 2,06,391 करोड़ रुपये से बढ़कर पिछले वित्त वर्ष में 2,37,375 करोड़ रुपये हो गया।

परिचालन अनुपात 98.14 प्रतिशत
भारतीय रेलवे के लिए परिचालन अनुपात (OR) 98.14 प्रतिशत है। यह राजस्व व्यय (RE) लक्ष्य के भीतर है। उच्च ओआर निम्न दक्षता का संकेत होता है। रेलवे ने अपने सभी आरई को पूरा करने के बाद आंतरिक स्रोतों से 3,200 करोड़ रुपये का पूंजीगत निवेश पैदा किया।

रेल नेटवर्क पर एक लाख करोड़ रुपये का निवेश
पीआईबी के बयान में कहा गया है कि इस दौरान रेल नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया। नई लाइनें चालू करना और दोहरीकरण/मल्टी-ट्रैकिंग ने 5,243 किलोमीटर लाइनें बिछाए जाने के साथ अब तक के उच्चतम स्तर को छू लिया है। इसके अलावा 6657 करोड़ रुपये के निवेश से 6,565 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया।

राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष के लिए 11,800 करोड़
कई सुरक्षा कार्यों के लिए राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष के तहत निवेश के रूप में 11,800 करोड़ रुपये खर्च किए गए। सरकार ने पुरानी संपत्तियों को अपग्रेड करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये दिए। इसके लिए रेलवे ने आंतरिक संसाधनों से 1800 करोड़ रुपये का योगदान भी दिया।

इन कार्यों में 25,913 करोड़ रुपये का निवेश
कुल 25,913 करोड़ रुपये का निवेश पटरियों, पुलों और ग्रेड सेपरेटर्स को मजबूत करने में सुरक्षा के लिए किया गया।
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