रात 10 बजे से पहले नहीं खोल सकते मिडिल बर्थ...यात्रा करने से पहले जान लें रेलवे के ये 5 नियम
भारतीय रेलवे स्थापना 177 साल पहले हुई थी और इसे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक माना जाता है। देश भर में रेल मार्गों की कुल लंबाई लगभग 68 हजार किलोमीटर है और रेलवे पूरे भारत में यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा प्रदान करता है। लगभग 23 करोड़ यात्री भारत में ट्रेन से यात्रा करते हैं। आप भी अक्सर अकेले या परिवार के साथ रेल का सफर करते होंगे। ऐसे मे आपके लिए रेलवे के कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। आपको बता रहे हैं 7 ऐसे नियम जो आपका सफर आसान बनाएंगे।

चलती ट्रेन में अलार्म चेन खींचना
अगर आपने भारत में ट्रेन में यात्रा की है, तो आपने हर कोच के दरवाजों के पास आपातकालीन अलार्म चेन जरूरी देखी होगी। शायद कभी न कभी चेन खींचने की इच्छा भी हुई होगी, लेकिन बेवजह इसे खींचने से आपको भारी परेशानी हो सकती है। भारतीय रेलवे नियमों के मुताबिक, अलार्म चेन को केवल आपात स्थिति में ही खींचना जाना चाहिए, अन्यथा भारी जुर्माना भरने का प्रावधान है।

यात्रा के दौरान अपनी यात्रा को बढ़ा सकते हैं
कई बार ऐसा होता है जब किसी यात्री को पीक सीजन के दौरान टिकट आरक्षण नहीं मिल पाता है तो वह एक नियम के तहत अपने गंतव्य तक पहुंच सकता है। इस नियम के तहत अगर किसी यात्री को गंतव्य से पहले का टिकट मिल जाता है तो वह आगे की यात्रा को बढ़ा सकता है। इसके लिए यात्रा के दौरान टीटीई के पास जाना होगा और अतिरिक्त किराया देकर यात्रा को बढ़ाया जा सकता है।

मिडिल बर्थ नियम
भारतीय रेलवे की ट्रेन में मिडिल बर्थ को लेकर एक बहुत ही महत्वपूर्ण नियम है। ये सीट ऊपर और नीचे की बर्थ के बीच में होती हैं। नियम बताता है कि यात्री दिन के समय के दौरान मिडिल बर्थ को खोल नहीं सकते हैं क्योंकि लोअर और अपर बर्थ को सीट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यात्री केवल रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही मिडिल बर्थ पर सो सकते हैं। कोई यात्री इससे पहले या बाद में सोता है तो तो निचली बर्थ वाला यात्री उसे रोक सकता है।

ट्रेन छूटने की स्थिति में दो-स्टॉप नियम
अक्सर ऐसा होता है कि कोई यात्री मूल बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन में चढ़ने से चूक जाता है। ऐसे ही यात्रियों की मदद के लिए टू-स्टॉप नियम बना है जिसके मुताबिक, टिकट कलेक्टर सीट को किसी दूसरे यात्री को नहीं दे सकता है। जब तक कि ट्रेन दो पड़ाव पार नहीं कर लेती, इस सीट को किसी को नहीं दिया जा सकता।

रात 10 बजे के बाद यात्रियों को परेशान नहीं किया जा सकता
ट्रेन की यात्रा लंबी हो सकती है इसलिए इसे आरामदायक बनाने के लिए जरूरी है कि यात्रा के दौरान यात्रियों को परेशान न किया जाए। सामान्य तौर पर रात 10 बजे के बाद यात्रियों को परेशान नहीं किया जा सकता है और इसलिए टीटीई को भी इससे पहले ही टिकट की जांच करनी होती है। एक और नियम यह भी है कि कोच में नाइट लाइट को छोड़कर सभी लाइटों को बंद करना होता है ताकि यात्री ठीक से सो और आराम कर सकें। यही कारण है कि ट्रेनों में परोसा जाने वाला खाना भी रात 10 बजे के बाद नहीं परोसा जा सकता है।

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