चंद्रयान-4 से कमाल करेगा इसरो, देखती रह जाएगी दुनिया

भारत के चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी और उसकी रवानगी भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के प्रमुख सोमनाथ ने ताजा अपडेट दिया है। उन्होंने बताया है कि दो लॉन्चर्स से अंतरिक्षयान के अलग-अलग हिस्से पृथ्वी की कक्षा में भेजे जाएंगे। इसके बाद चंद्रमा की तरफ अंतरिक्ष यान को रवाना करने से पहले उन्हें आपस में जोड़ा जाएगी।

चांद से नमूने लेकर आएगा चंद्रयान-4
01 / 07

चांद से नमूने लेकर आएगा चंद्रयान-4

चंद्रयान-4 इसरो का महात्वाकांक्षी मिशन है। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा से उसकी सतह के नमूने पृथ्वी पर लाना है। मिशन के लिए रॉकेट की लॉन्चिंग एक बार में नहीं होगी।

बहुत वजनी होगा चंद्रयान-4
02 / 07

बहुत वजनी होगा चंद्रयान-4

इसरो प्रमुख का कहना है कि चंद्रयान-4 का वजन बहुत वजनी होने वाला है। यह वजन इतना होगा कि इसरो के पास अभी मौजूदा सबसे शक्तिशाली रॉकेट है उससे इसे एक बार में भेजना आसान नहीं होने वाला है।

यान के हिस्सों को स्पेस में जोड़ा जाएगा
03 / 07

यान के हिस्सों को स्पेस में जोड़ा जाएगा

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और इसी तरह के पहले की सभी अंतरिक्ष उपक्रमों का निर्माण अंतरिक्ष में यान के अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर हुआ है। फिर भी, दुनिया में यह शायद पहली बार होगा जब एक अंतरिक्षयान को अलग-अलग हिस्सों में रवाना किया जाएगा और फिर इसे स्पेस में आपस में जोड़ा जाएगा।

तैयारी को अंतिम रूप दे रहा इसरो
04 / 07

तैयारी को अंतिम रूप दे रहा इसरो​

रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली में एक कार्यक्रम से इतर सोमनाथ ने कहा, 'चंद्रयान-4 में कौन-कौन से हिस्से एवं उपकरण होंगे, इसका हमने खाका खींच लिया है..चांद की सतह से नमूने कैसे लाए जाएंगे यह भी हमने सोच लिया है।'

कई बार में स्पेस भेजे जाएंगे यान के हिस्से
05 / 07

​कई बार में स्पेस भेजे जाएंगे यान के हिस्से​

उन्होंने कहा, 'हमारी योजना एक बार में नहीं बल्कि रॉकेट से कई बार में अंतरिक्ष यान के हिस्सों को स्पेस में भेजने की है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे पास अभी जो सबसे शक्तिशाली रॉकेट है उसकी क्षमता इतना वजन ले जाने के लिए पर्याप्त नहीं है।'

चंद्रयान-3 मिशन सफल रहा
06 / 07

चंद्रयान-3 मिशन सफल रहा​

भारत का चंद्रयान-3 मिशन सफल रहा। यह चंद्रमा के सबसे कठिन माने जाने वाले हिस्से साउथ पोल पर उतरा। इसकी सफल सॉफ्ट लैंडिंग हुई। चंद्रमा के इस हिस्से पर उतरने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना।

जापान कर रहा मदद
07 / 07

जापान कर रहा मदद

अब इसरो का लक्ष्य अपने इस मिशन के जरिए चांद की सतह से नमूने धरती पर लाना है। इससे पहले हाल ही में चीन ने ऐसा कारनामा किया है। इस मिशन की सफलता के लिए इसरो और जापान की एजेंसी जाक्सा मिलकर काम कर रही हैं।

End of Photo Gallery
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited