गगनयान मिशन से पहले ISRO का अहम कदम, इस बड़े मिशन के लिए दो एस्ट्रोनॉट्स को चुना, करेंगे अविश्वनीय यात्रा

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नई उड़ान के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक अहम फैसला लेते हुए नासा के साथ सहयोग करते हुए बड़ा कदम उठाया है। यह कदम इसरो के अंतरिक्ष विकास की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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ISS में भेजने के लिए दो एस्ट्रोनॉट चुने गए

इसरो ने अपने गगनयान मिशन के लिए नासा के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजे जाने के लिए दो अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है।

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अक्टूबर 2024 से पहले होगा लॉन्च

अक्टूबर 2024 से पहले लॉन्च होने वाले इस मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस की एक अविश्वसनीय यात्रा पर ले जाया जाएगा।

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गगनयान मॉड्यूल पर खास ट्रेनिंग

चुने गए अंतरिक्ष यात्री आईएसएस मॉड्यूल और प्रोटोकॉल पर केंद्रित विशेष प्रशिक्षण के लिए अमेरिका जाएंगे, जो भारत में गगनयान मॉड्यूल पर उनके व्यापक प्रशिक्षण का हिस्सा होगा।

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नासा का चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन

एक्सिओम-4 प्रोजेक्ट का हिस्सा यह मिशन एक्सिओम स्पेस के साथ साझेदारी में नासा का चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है। इसमें आईएसएस के साथ 14 दिन की डॉकिंग शामिल होगी।

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नासा-इसरो सहयोग

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान एक संयुक्त बयान में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को एडवांस प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नासा की सहयोग की घोषणा की गई थी।

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भारतीय अंतरिक्ष यात्री को मिलेगी ट्रेनिंग

नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान इस प्रतिबद्धता को दोहराया और 2024 के अंत तक आईएसएस मिशन के लिए एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षित करने की योजना की पुष्टि की थी।