वायनाड जैसी तबाही को पहले ही रोक देगा ISRO, 15 अगस्त को अंतरिक्ष में करने वाला है नया धमाल

हाल ही में केरल के वायनाड में आई प्राकृतिक आपदा ने 400 लोगों की जान ले ली। इसके बाद ऐसी प्रणाली पर बहस तेज हो गई है, जिससे आपदाओं की जानकारी पहले से ही लग सके। इसरो ने इस दिशा में काम किया है और 15 अगस्त को अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट यानी EOS-8 लॉन्च करने जा रहा है। यह सैटेलाइट पर्यावरण का अध्ययन, आपदा प्रबंधन और तकनीकी डेमॉन्स्ट्रेशन का काम करेगा।

1755 किलोग्राम वजनी है सैटेलाइट
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​175.5 किलोग्राम वजनी है सैटेलाइट​

इसरो की EOS-8 सैटेलाइट 75.5 किलोग्राम वजनी है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।

15 अगस्त को होगी लॉन्चिंग
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​15 अगस्त को होगी लॉन्चिंग​

इसरो की इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग 15 अगस्त को सुबह 9.17 मिनट पर की जाएगी।

कैसे काम करेगी सैटेलाइट
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​कैसे काम करेगी सैटेलाइट​

EOS-8 सैटेलाइट में इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इंफ्रारेड पेलोड है। यह पेलोड दिन और रात में इंफ्रोरेड तस्वीरें लेगा। इस तस्वीरों से आपदाओं की जानकारी मिलेगी।

बाढ़ से लेकर जंगल की आग
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​बाढ़ से लेकर जंगल की आग​

इसरो की यह सैटैलाइट जंगल की आग, ज्वालामुखीय गतिविधियां, मिट्टी की नमी और बाढ़ का भी पता लगाएगी।

475 किमी की ऊंचाई पर होगी स्थापित
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​475 किमी की ऊंचाई पर होगी स्थापित​

इसरो EOS-8 सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा यानी 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित करेगा। यह यहीं पर चक्कर लगाएगी और अन्य तकनीकी मदद भी करेगी। इस सैटेलाइट में 400 जीबी डेटा स्टोरेज की क्षमता होगी।

SSLV रॉकेट से होगा लॉन्च
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​SSLV रॉकेट से होगा लॉन्च​

इसरो के इस मिशन को एक साल के लिए पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसे अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिए SSLV रॉकेट का इस्तेमाल होगा।

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