कब तक पूरी तरह से बनकर तैयार होगा Mumbai-Nagpur Expressway? जानें अभी कितना काम है बाकी

Mumbai Nagpur Expressway: देश में सड़क मार्ग पर तेजी से काम किया जा रहा है। शहरों को एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के अंतिम चरण का काम चल रहा है। इस एक्सप्रेसवे के पूरी तरह से तैयार हो जाने पर मुंबई से नागपुर जाना काफी सुलभ हो जाएगा और यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। फिलहाल मुंबई से नागपुर के बीच यात्रा का अनुमानित समय 16 घंटे है, जो इस एक्सप्रेसवे के तैयार होने से घटकर आधा यानी आठ घंटे हो जाएगा। मतलब एक बार मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया तो दोनों शहरों की दूरी महज आठ घंटे की रह जाएगी।

मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई
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मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई

मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई 701 किमी है। यह छह लेन का एक्सप्रेसवे है, जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इस एक्सप्रेसवे का नाम बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि एक्सप्रेसवे रखा गया है और इसका बड़ा हिस्सा चालू हो चुका है, लेकिन कुछ हिस्सों पर काम चल रहा है, जो अंतिम चरण में पहुंच चुका है और उम्मीद है कि जल्द ही कार्य पूरा हो जाएगा। और पढ़ें

कितने जिलों से गुजर रहा एक्सप्रेसवे
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कितने जिलों से गुजर रहा एक्सप्रेसवे?

जानकारी के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के 390 गांवों और 10 जिलों को कवर करता है। इसे ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत रखा गया है, जिसकी घोषणा 2015 में हुई थी और 2017 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था।

इन शहरों को मिलेगा फायदा
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इन शहरों को मिलेगा फायदा

मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे से कई शहरों को फायदा मिलेगा। इनमें भिवंडी, कल्याण, शहापुर, इगतपुरी, सिन्नर, कोपरगांव, शिरडी, वैजापुर, छत्रपति संभाजीनगर, शेन्द्रा, जलना, सिंदखेड राजा, मेहकर, मालेगांव, करंजा, धामनगाव, पुलगांव, वर्धा, सेलू और नागपुर शामिल हैं।

कब तक पूरी तरह से तैयार होगा एक्सप्रेसवे
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कब तक पूरी तरह से तैयार होगा एक्सप्रेसवे?

मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे का उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया गया है। इसके अंतिम चरण का कार्य अगस्त, 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ा गया है। इस एक्सप्रेसवे से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। खासकर शिरडी, वेरुल, लोनार और अजंता में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इसके अलावा मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे के किनारे कई सारे शहर बसाए जाएंगे। इससे औद्योगिक सुविधाएं और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। और पढ़ें

मुंबई-नागपुर की दूरी सिर्फ आठ घंटे रहेगी
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मुंबई-नागपुर की दूरी सिर्फ आठ घंटे रहेगी

बता दें कि मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे से दोनों शहरों के बीच यात्रा की दूरी कम हो जाएगी और यात्रा का समय घटकर आठ घंटे हो जाएगा। एक्सप्रेसवे की सड़कें विश्व स्तर की बनाई जा रही है। साथ ही सुरक्षित यात्रा को ध्यान में रखा गया है। इसके लिए सभी मानकों पर फोकस किया जा रहा है। इसके अलावा यह एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, तो करीब 12.68 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। और पढ़ें

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