King Charles III Coronation: 3 KM चलने के लिए ब्रिटेन के राजा बदलेंगे दो बग्घी, एक डायमंड तो दूसरी गोल्ड
King Charles III Coronation Date: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद उनके पुत्र महाराज चार्ल्स तृतीय बकिंघम पैलेस की सत्ता संभाल रहे हैं। हालांकि, अभी तक उनकी औपचारिक रूप से ताजपोशी नहीं हुई है। 74 वर्षीय चार्ल्स तृतीय छह मई को वेस्टमिंस्टर एबे में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में औपचारिक रूप से ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्ष बनेंगे। इस समारोह में महाराज चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला की औपचारिक ताजपोशी की जाएगी। बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर एबे और यहां से वापस पैलेस जाने के लिए ब्रिटेन के महाराजा दो बग्घी बदलेंगे। बता दें, यह दूरी करीब तीन किलोमीटर है।

डायमंड जुबली स्टेट कोच
जानकारी के मुताबिक, छह मई की सुबह महाराज चार्ल्स बकिंघम पैलेस से डायमंड जुबली स्टेट कोच में सवार होकर वेस्टमिंस्टर एबे तक जाएंगे। इस बग्घी को 2012 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासन के 60 साल पूरे होने के अवसर पर बनाया गया था। बग्घी में दूसरे देशों के प्रमुखों के साथ भी महारानी ने सवारी की है।

गोल्डन स्टेट कोच
महाराज चार्ल्स ताजपोशी के बाद गोल्डन स्टेट कोच का इस्तेमाल करेंगे। वह वेस्टमिंस्टर एबे से इस पर सवारी कर बकिंघम महल वापस लौटेंगे। गोल्डन स्टेट कोच को आखिरी बार जून 2022 में महारानी एलिजाबेथ के प्लेटिनम जुबली समारोह में देखा गया था। इसका निर्माण सन 1760 में हुआ था और सबसे पहले इसका इस्तेमाल किंग जॉर्ज तृतीय ने संसद सत्र को संबोधित करने के लिए 1762 में महल से संसद पहुंचने के लिए किया था। बकिंघम पैलेस के मुताबिक, बग्घी का इस्तेमाल 1831 में विलियम चतुर्थ के समय से ही ताजपोशी के दौरान किया जा रहा है। इस बग्घी को आठ घोड़े खींचते हैं और इसका वजन करीब चार टन है।

सेंट एडवर्ड ताज की ट्विटर इमोजी
महाराज चार्ल्स की ताजपोशी के लिए एक नई ट्विटर इमोजी भी लॉन्च की गई है। यह विशेष इमोजी सेंट एडवर्ड ताज पर आधारित है, जिसका इस्तेमाल ब्रिटेन के नए महाराज करेंगे।

राष्ट्रमंडल सशस्त्र बल देंगे सलामी
औपचारिक ताजपोशी के कार्यक्रम के तहत महाराज की ताजपोशी होने के बाद वे महल वापस लौटेंगे। इसके बाद महाराज और महारानी को यूनाटेड किंगडम और राष्ट्रमंडल सशस्त्र बलों द्वारा शाही सलामी दी जाएगी। इसके बाद सशस्त्र बलों की ओर से सम्मान प्रकट किया जाएगा। वहीं, शाही आभूषणों में प्रमुख कॉरनेशन रेगेलिया है जिसे टॉवर पर ऑफ लंदन में जनता के दर्शन के लिए रखा जाता है । इसे विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है।

चांदी के दंड लेकर चलेंगे अधिकारी
संसद सत्र की शुरुआत करने जब महाराज चार्ल्स जाएंगे तो उनके आगे-आगे दो दंड लेकर अधिकारी चलेंगे। चांदी की परत वाले इन दोनों दंडों का निर्माण 1660 और 1695 में किया गया था और समारोह चिह्न उनपर अंकित हैं। ताजपोशी कार्यक्रम के दौरान महाराज चार्ल्स तीन तलवारों का भी इस्तेमाल करेंगे। ये तलवारें न्याय, सशस्त्र बलों के प्रमुख और आध्यात्मिक न्याय की प्रतीक होंगी। इन तलवारों का इस्तेमाल सबसे पहले किंग चार्ल्स प्रथम की 1626 में हुई ताजपोशी में हुआ था।

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