दुनिया चांद को छूने की रेस में उलझी, इधर चीन ने बना लिया वहां 'बेस' बनाने का प्लान

Lunar Space Station: दुनिया चांद को एक्सप्लोर करने में जुटी हुई है। चांद के कई रहस्य अब तक वैज्ञानिकों से अछूते हैं। इनमें से एक चांद का दक्षिणी ध्रुव भी था। भारत ने यहां पहुंचकर पहले ही झंडा गाड़ दिया है। अब दुनिया के अन्य देश यहां पहुंचने की होड़ में लगे हैं। इस बीच चीन ने ऐसा प्लान तैयार किया है कि किसी भी देश की स्पेस एजेंसी के होश उड़ जाएंगे। चीन चांद पर अपना 'बेस' बनाने जा रहा है। यानी वह चंद्र अंतरिक्ष स्टेशन (Lunar Space Station) बनाने की तैयारी में जुट गया है। जबकि, स्पेस में उसका खुद का अंतरिक्ष स्टेशन पहले से ही मौजूद है।

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इंसानों को चांद पर भेजेगा चीन

चीन की योजना के मुताबिक वह मानवयुक्त चंद्र मिशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत चांद पर अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे अंतरिक्ष यात्री चांद पर रह सकें और वहां रिसर्च कर सकें।

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2035 तक बना लेगा स्पेस स्टेशन

चाइना एकेडमी ऑफ साइंसेज के उपाध्यक्ष डिंग चिबियाओ के अनुसार, चीन द्वारा शुरू किए गए अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन का निर्माण 2028 से 2035 तक दूसरे चरण के दौरान किया जाएगा। पहले चरण में, चीन 2027 तक अंतरिक्ष स्टेशन संचालन, मानवयुक्त चंद्र अन्वेषण परियोजना को लागू करने, अपने चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के चौथे चरण और ग्रह अन्वेषण परियोजना पर ध्यान केंद्रित करेगा।

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अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज करेगा चीन

चीन ने 2024 से 2050 तक अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम का रोडमैप जारी किया है। उसकी योजना अंतरिक्ष में रहने योग्य ग्रहों का पता लगाने की है। इसके अलावा वह पृथ्वी के अतिरिक्त अन्य जगहों पर जीवन का पता लगाने की योजना बना रहा है। नयी योजना के तहत वैज्ञानिक सौर मंडल और सौर मंडल के बाहर स्थित ग्रहों पर रहने की क्षमता का भी पता लगाएंगे और धरती के अतिरिक्त अन्य जगह जीवन होने की खोज करेंगे।

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चांद की मिट्टी ला चुका है चीन

अभी हाल ही में चीन के वैज्ञानिकों ने चांद के अंधेरे हिस्से से मिट्टी लेकर धरती पर लौटने में सफलता हासिल की थी। ऐसा करने वाला चांद दुनिया का पहला देश था। चीन का चैंग'ई-6 मिशन 53 दिन बाद चांद से मिट्टी लेकर धरती पर लौटा था।

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खुद का स्पेस स्टेशन

इसके अलावा चीन एक ऐसा देश है, जिसका अंतरिक्ष में खुद का स्पेस स्टेशन है। वह ऐसा करने वाला इकलौता देश है। चीन हर छह महीनों में यहां अंतरिक्ष यात्रियों को भेजता रहता है। चीन के स्पेस स्टेशन का नाम तियांगोंग है, जिसका अर्थ है- 'स्वर्ग का महल'।