कौन हैं मलाला यूसुफजई, जिनके जन्मदिन पर मनाया जाता है Malala Day, जानें इनसे जुड़ी जरूरी बातें

हर साल 12 जुलाई को दुनियाभर में मलाला दिवस मनाया जाता है। यह दिवस पाकिस्तान की समाज सेवी नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई के जन्मदिन पर मनाया जाता है।

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​​मलाला दिवस ​

आज का दिन पूरी दुनिया में मलाला दिवस (Malala Day) के रूप में मनाया जाता है। हर साल 12 जुलाई को यह दिन मनाया जाता है। मलाला दिवस कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। खासकर इसलिए क्योंकि यह दिन लड़कियों की पढ़ाई के लिए वैश्विक संघर्ष में मलाला यूसुफजई और उनकी बहादुरी का जश्न मनाता है। खास बात यह है कि इसी दिन यानी 12 जुलाई को मलाला अपना जन्मदिन भी मनाती है।

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​​मलाला यूसुफजई​

12 जुलाई 1997 को पाकिस्तान के मिंगोरा, स्वात घाटी में जन्मी मलाला यूसुफजई एक पाकिस्तानी कार्यकर्ता हैं। एक आम सी जिंदगी बिता रही मलाला उस वक्त चर्चा में आई, जब उन्होंने किशोरावस्था में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) द्वारा लड़कियों की शिक्षा पर लगाए गए बैन के खिलाफ सार्वजनिक रूप से आवाज उठाई। इतना ही नहीं सिर्फ 15 साल की उम्र में उन्हें सिर पर गोली मारकर जान से मारने की कोशिश की गई, जिसकी वजह से वह 10 दिन के बाद होश में आई थीं। इस हमले के बाद मलाला ने चुप रहने की जगह अपनी आवाज को और बुलंद किया और दुनिया में लड़कियों को शिक्षा दिलाने की दिशा में प्रयास किया।

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​​संयुक्त राष्ट्र संघ ​

मलाला यूसुफजई की बहादुरी, गलत के खिलाफ खड़े होने की जिद और शैक्षिक समानता के लिए दुनिया में जारी उनकी लड़ाई के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा उनके जन्मदिन यानी 12 जुलाई को मलाला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

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​​ बच्चों की शिक्षा​

मलाला दिवस उन लाखों लड़कियों को याद करने का मौका देता है, जो संघर्ष, भेदभाव और गरीबी के कारण अभी भी शिक्षा से वंचित हैं। मलाला दिवस उन सभी कानूनों और कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन है, जो हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार की गारंटी देते हैं। यह दिन हमें सभी बच्चों की शिक्षा तक पहुंच के लिए लड़ाई के लिए प्रेरित करता है।

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​​यूनेस्को​

साल 2014 में बाल अधिकारों की खातिर लड़ने के लिए मलाला यूसुफजई को नोबेल पुरस्कार दिया गया। इसी के साथ मलाला यूसुफजई सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली शख्स बनी। बता दें, जिस साल मलाला पर तालिबानियों ने हमला किया था उसी साल मानवता अधिकार दिवस के दिन पेरिस स्थित यूनेस्को (UNESCO) हेडक्वार्टर में मलाला को खास ट्रिब्यूट दिया गया था।