मणिपुर में बेघर लोगों के लिए 'देवदूत' बने हैं सेना के जवान
मणिपुर में हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना तैनात है और हिंसा प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है। संकट की इस घड़ी में सेना एवं असम राइफल के जवान लोगों के लिए देवदूत बने हैं। सेना ने लोगों को अपने ठिकानों पर बने अस्थाई शिविरों में रखा है और उन्हें हर तरह की सहायता दे रही है। लोगों के लिए सेना 'देवदूत' बनी है। जवानों के राहत कार्यों की लोग तारीफ कर रहे हैं।
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सेना का कहना है कि हिंसा प्रभावित इलाकों के करीब 11,500 लोगों को उसने अपने परिसर में रहने की व्यवस्था की है।
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सुरक्षित निकाले गए लोगों को सेना के अलग-अलग ठिकानों पर रखा गया है। सेना लोगों के जरूरत की हर चीज का ख्याल रख रही है।
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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कम से कम पांच उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के अधिकारियों और सात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और एसपी रैंक के अधिकारियों को हिंसा प्रभावित मणिपुर में विभिन्न सुरक्षा बलों की तैनाती के समन्वय का कार्य सौंपा गया है।
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केंद्र ने आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच बढ़ती हिंसा के मद्देनजर सीआरपीएफ और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की लगभग 20 नई कंपनियां भेजी हैं।
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त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के एक डीआईजी और सीआरपीएफ की संचार शाखा को विशेष रूप से दंगा रोधी इकाइयों की तैनाती की निगरानी के लिए मणिपुर भेजा गया है।
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त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शुक्रवार को दावा किया कि हिंसाग्रत मणिपुर में फंसे राज्य के सभी छात्र सुरक्षित हैं। मणिपुर में त्रिपुरा के 150 से अधिक छात्र फंसे हुए हैं।
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साहा ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात करने का प्रयास किया. लेकिन बात नहीं हो पाई, क्योंकि वह आधिकारिक कामकाज में व्यस्त हैं।
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और राज्य तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों/पदाधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं।
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राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद शाह मणिपुर की स्थिति के संबंध में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं। राज्य में शुक्रवार को स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में रही।
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शाह मणिपुर की स्थिति की गहनता से निगरानी कर रहे हैं और राज्य तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों/पदाधिकारियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं।
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