मनमोहन सिंह थे ऐसे PM जिनके सिग्नेचर वाले चलते थे नोट

Former PM Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गुरुवार को आखिरी नींद में सो गए। छह बार राज्यसभा के सदस्य रहे मनमोहन सिंह ने 10 साल तक देश की सत्ता संभाली। उनके कार्यकाल में कई अहम निर्णय लिए गए, लेकिन प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने वित्त सचिव से लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर तक का पद संभाला। बता दें कि मनमोहन सिंह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनके सिग्नेचर वाले एक रुपये लेकर 100 रुपये तक के नोट जारी हो चुके हैं।

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कौन करता है दस्तखत?

देश की करेंसी पर हर कोई दस्तखत नहीं कर सकता है। भारत में ऐसा सौभाग्य महज भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर को ही मिला है।

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गवर्नर करता है दस्तखत

देश में मौजूद हर एक नोट पर रिजर्व बैंक के गर्वनर के हस्ताक्षर होते हैं। समय के साथ कई गर्वनर बदले और करेंसी पर गर्वनर के सिग्नेचर भी बदले। मौजूदा समय पर संजय मल्होत्रा, जो आरबीआई के गवर्नर हैं, उनके द्वारा साइन किए हुए नोट जारी होते हैं।

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RBI गवर्नर का पद संभाल चुके हैं मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री बनने से पहले मनमोहन सिंह आरबीआर के गवर्नर रह चुके हैं। उन्होंने 1982 से लेकर 1985 तक आरबीआई के गवर्नर का पद संभाला। इस दौरान जारी होने वाली तमाम करेंसी में मनमोहन सिंह के सिग्नेचर ही देखने को मिलेंगे।

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एक रुपये के नोट पर नहीं होते गवर्नर के दस्तखत

एक रुपये के नोट पर रिजर्व बैंक के गर्वनर के नहीं, बल्कि वित्त सचिव के दस्तखत होते हैं। ऐसे में जब मनमोहन सिंह वित्त सचिव थे तो उनके समय में एक रुपये के नोट भी प्रकाशित हुए थे।

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कितने रुपये के नोट पर दस्तखत करते हैं गवर्नर

महज एक रुपये के नोट को छोड़ दिया जाए तो बाकी तमाम नोटों पर गवर्नर के दस्तखत अनिवार्यतौर पर होते हैं।

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RBI के पास है विशेष अधिकार

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के मुताबिक, देश में करेंसी प्रबंधन का जिम्मा आरबीआई को सौंपा गया है। आरबीआई अधिनियम की धारा 22 करेंसी जारी करने का अधिकार प्रदान करती है।

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अनिवार्य होते हैं दस्तखत

महज एक रुपये के नोट को जारी करने का अधिकार आरबीआई के पास नहीं होता है। इसका जिम्मा वित्त मंत्रालय को सौंपा गया है। तभी तो एक रुपये के नोट पर मंत्रालय के सचिव के दस्तखत नजर आते हैं और बाकी दो रुपये और उससे बड़े नोटों पर आरबीआई गवर्नर के ही दस्तखत होते हैं।