मथुरा की वो पानी टंकी, जो बनने के बाद 3 साल के भीतर ही गिर गई

मथुरा में एक पानी की टंकी का निर्माण होता है। 2021 में इस टंकी का निर्माण 6 करोड़ की लागत से किया गया था। 30 जून 2024 की रात यह टंकी भरभरा कर गिर गई। चारों ओर हंगामा मच गया। कई घर चपेट में आ गए, दो लोग की मौत भी हो गई। अब सवाल ये हैं कि आखिर ये टंकी गिरी कैसे? निर्माण घटिया था या कुछ और?

 मथुरा टंकी हादसा
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मथुरा टंकी हादसा

मथुरा नगर में रविवार शाम एक आवासीय कॉलोनी की टंकी अचानक ढह गयी जिससे कई मकान उसके मलबे की चपेट में आ गये।

दो महिलाओं की मौत
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दो महिलाओं की मौत

इस घटना में दो महिलाओं की मौत हो गयी और 12 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। घायलों में से एक की हालत गंभीर है।

मथुरा में कहां थी ये टंकी
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मथुरा में कहां थी ये टंकी

मथुरा के थाना कोतवाली क्षेत्र में बीएसए डिग्री कॉलेज के पीछे उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद द्वारा विकसित कॉलोनी कृष्णा विहार की पानी की टंकी रविवार शाम करीब छह बजे सामान्य बूंदाबांदी के बीच अचानक ढह गयी।

टंकी की चपेट में कई मकान
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टंकी की चपेट में कई मकान

पानी की टंकी के मलबे की चपेट में आसपास के कई मकान भी आ गए, जिससे उनमें रहने वाले और वहां गली में खेल रहे कुछ बच्चे भी टंकी व मकानों के मलबे की चपेट में आकर दब गए।

छह करोड़ की लागत से बनी थी टंकी
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छह करोड़ की लागत से बनी थी टंकी

यह गंगाजल पेयजल परियोजना के तहत जल निगम द्वारा छह करोड़ रुपए की लागत से बनवाई गई थी। लगभग ढाई लाख लीटर क्षमता वाली यह पानी की टंकी तीन साल पहले ही बनकर तैयार हुई थी।

टंकी की चपेट में आई गाड़ियां
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टंकी की चपेट में आई गाड़ियां

टंकी गिरने से सड़क पर खड़े कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई घरों में टंकी का मलबा और पानी घुस गया है।

जिम्मेदार कौन जांच शुरू
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जिम्मेदार कौन, जांच शुरू

मथुरा नगर के आबादी वाले क्षेत्र में पानी की टंकी ढहने की घटना की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गयी है जो कि एक सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।

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