तीन नदियों को जोड़कर MP-राजस्थान एक-एक बूंद बचाएंगे, दोनों राज्यों में समझौता
मध्य प्रदेश और राजस्थान ने चंबल-पार्वती-कालीसिंध की जलधाराओं के बेहतर उपयोग का निर्णय लिया है। इसके लिए दोनों राज्यों के बीच एक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए MOU भी हुआ है। 72 हजार करोड़ रुपये की इस योजना से दोनों राज्यों के विकास की नई गाथा लिखी जाएगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन मध्य प्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। यह नवाचार भी है और साथ ही यह योजना देश की संघीय भावना को भी प्रकट करती है। डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस नदी लिंक परियोजना के कर्यान्वयन के लिए संयुक्त पहल का कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में दीप प्रज्ज्वलित कर पवित्र जब को कलश में समाहित किया।

इन जिलों को होगा फायदा
चंबल-पार्वती-कालीसिंध लिंक परियोजना के इस समझौते से मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, राजगढ़ सहित मध्य प्रदेश और राजस्थान के 13-13 जिलों में पेयजल और सिंचाई की सुनिधाएं बढ़ाई जाएंगी। इस योजना के तहत दोनों राज्य नदियों के पानी की एक-एक बूंद का बेहतर उपयोग करेंगे।

पीएम मोदी की भावना अनुरूप कार्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्यों के हित होते हैं, लेकिन देश हित सबसे बड़ा होता है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना के अनुरूप यह कार्य हुआ है। उनकी भावना यही है कि राज्य लगातार अपनी समस्याओं का हल निकालें। विशेषतौर पर जल बंटवारे के मामलों को आपस में सुलझाएं।

पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पीएम मोदी MP और राजस्थान दोनों को भरपूर राशि दे रहे हैं। इस परियोजना से दोनों राज्यों के बीच जल समस्या का समाधान होगा और इससे पर्यटन के क्षेत्र में विकास की बड़ी संभावनाएं हैं। विशेषतौर पर चंबल, श्योपुर और रणथंभोर में पर्यटन की संभावान ज्यादा है।

धार्मिक पर्यटन की संभावना
मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान ने रेगिस्तान में भी पर्यटन को विकसित किया है। हमारे यहां धार्मिक पर्यटन की बड़ी संभावना है। धार्मिक पर्टयन की दृष्टि से ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर भी मध्य प्रदेश में ही हैं। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य वन्य जीवों को सुरक्षा देंगे और पर्यटन व रोजगार आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा।

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, खनिज सम्पदा के लिए भी हम एक-दूसरे के साथ खड़े हैं। दोनों राज्यों में आयुर्वेद की संभावना भी है। मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना में सहयोग के साथ ही अफीम की खेती का लाभ किसानों को दिलाने के लिए संयुक्त प्रयास की भी बात की।

मोटा अनाज को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कृषि के क्षेत्र में मोटा अनाज को बढ़ावा देने के प्रयास होंगे। इन योजनाओं से जल स्तर बढ़ेगा और किसानों को लाभ पहुंचेगा। दोनों राज्यों के लोगों को इससे पीने योग्य पानी मिलेगा।

अटल बिहारी वाजपेयी का संकल्प पूरा होगा
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि सीएम डॉ. यादव के प्रयासों से पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना मध्यप्रदेश के लिए बड़ी सौगात है। उन्होंने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का संकल्प अब पूरा होने जा रहा है। साल 2026 में मध्य प्रदेश में 65 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य है। इस परियोजना से लगभग 4 लाख हेक्टयर में सिंचाई होगी। राजस्थान में 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी।

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