वो मुगल सम्राट जिसने गोहत्या पर लगाई थी रोक, वजह जान होश उड़ जाएंगे

Mughal Kings on Cow Slaughter: गोहत्या के मुद्दे पर आज आए दिन सियासी बहस होती रहती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो कौन सा पहला मुगल शासक था, जिसने गोहत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था? आपको वो सच समझना चाहिए।

मुगल शासक बाबर ने लिया फैसला
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मुगल शासक बाबर ने लिया फैसला

अनेकों मुगल राजाओं ने गोहत्या पर रोक लगाया हुआ था, अपनी सल्तनत में अकबर, जहांगीर, अहमद शाह जैसे बादशाहों ने गोहत्या की खुलकर खिलाफत की थी, लेकिन इसकी शुरुआत मुगल सम्राट बाबर ने की थी।

गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया
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गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया

16वीं सदी में बाबर और हुमायूं दोनों ही सक्रिय थे, कहा जाता है कि बाबर के शासनकाल में पहली बार गोहत्या पर रोक लगाई गई थी। बाबर को एक न्यायप्रिय राजा कहा जाता था।

गायों की हत्या पर क्यों लगाई रोक
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गायों की हत्या पर क्यों लगाई रोक?

इस फैसले के पीछे की वजह को लेकर कई किस्से मशहूर हैं। इसी में से एक के बारे में 17वीं सदी की किताब जिसे बाबर की ‘वसाया’ (या वसीयतनामा) कहा गया है। उसमें बाबर की ओर से बेटे हुमायूं को गोहत्या के खिलाफ आगाह करने का जिक्र है।

बाबर के बेटे ने किया था विरोध
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बाबर के बेटे ने किया था विरोध

बाबर की जीवनी ‘तुजुक-ई-बाबरी’ में गोहत्या का कोई जिक्र नहीं है, ऐसा इतिहासकारों का दावा है। हालांकि हुमायूं से जुड़े कुछ किस्सों का जिक्र जरूर होता है। बादशाह के एक खिदमतगार जौहर की किताब ‘तेजकेरेह-अल-वकीयत’ में गोहत्या पर प्रतिबंध का जिक्र है। एक घटना का जिक्र करत हुए जौहर बताया था कि हुमायूं ने साफ तौर पर गोहत्या का विरोध किया था।और पढ़ें

जब हुमायूं को परोसा गया गोमांस
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जब हुमायूं को परोसा गया गोमांस

किताब में ये स्पष्ट रूप से बताया गया है कि काबुल शहर से विद्रोही भाई कामरान को जब हुमायूं ने खदेड़ा था, तो उस रात के खाने में उन्हें गोमांस परोसा गया था। बादशाह ने उसे खाने से साफ मना कर दिया था। अकबर के कार्यकाल मे गोहत्या पर सख्त पाबंदी थी। इसका पालन उनके बेटे जहांगीर और पोते शाहजहां ने भी किया।

गोहत्या पर क्या बोले थे हुमायूं
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गोहत्या पर क्या बोले थे हुमायूं?

जौहर की किताब में बताया गया कि हुमायूं ने उस वक्त कहा था- 'ओह बदनसीब कामरान! क्या ये तुम्हारे जीने का तरीका था? और क्या तुमने गायों के मांस से पाकीजगी की पनाहगाह को खिलाया? ये खाना तो उन लोगों के लिए भी सही नहीं जो हमारे वालिद की कब्र पर इंतजार करते हैं। क्या हम, उनके चार पुत्र, उनकी निशानी का सम्मान नहीं कर सकते थे?' मतलब साफ है कि बाबर ने गोहत्या पर प्रतिबंध लगाया था।और पढ़ें

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