नई संसद की भव्यता देख आंखें जाएंगी चौंधिया, लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक की डिजाइन है अद्भुत

नए संसद भवन का 28 मई यानि कि रविवार का उद्घाटन होना है। कई विवादों के बीच इसकी जो तस्वीरें अब सामने आ रही हैं, उससे यह साफ पता चल रहा है कि यह कितनी भव्य है। नई संसद की भव्यता देखकर सही मायने में लोगों की आंखे चौंधिया जाएंगीं। डिजाइन से लेकर जिस तरह से इसमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखती है, वो अपने आप में वास्तुकला का उत्कृष्ठ नमूना है।

भव्य है नई संसद
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भव्य है नई संसद

नया संसद भवन काफी भव्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार, 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। 971 करोड़ रुपये की लागत से बनानया संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनाया गया है। इसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान बनाया गया है।और पढ़ें

अद्भुत है डिजाइन
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अद्भुत है डिजाइन

नए संसद भवन भारत की प्रगति के प्रतीक के रूप निर्मित किया गया है। नए संसद भवन का आकार एक त्रिकोणीय है। नए संसद भवन की रूपरेखा मैसर्स एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार की है और इसका निर्माण मैसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। सचिवालय के अनुसार नई दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लिए निर्धारित भूकंप जोन-5 दिशानिर्देशों के अनुसार विशेष रूप से पर्याप्त भूकंप संबंधी सुरक्षा उपाए किये गए हैं।और पढ़ें

पीएम मोदी की देखरेख में तैयार हुआ है नया संसद भवन
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पीएम मोदी की देखरेख में तैयार हुआ है नया संसद भवन

पीएम मोदी आज की जरूरतों के हिसाब से इस संसद भवन को बनाना चाहते थे। यही कारण है कि अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान न केवल उन्होंने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी, बल्कि इसका निर्माण भी अपनी देख-रेख में करवाया।

भारतीय संस्कृति की झलक
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भारतीय संस्कृति की झलक

नए भवन में लोकसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पक्षी मयूर को दृष्टिगत रखते हुए तैयार किया गया है। जबकि राज्यसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पुष्प कमल के समान है । सम्पूर्ण भवन के डिजाइन में देश के महत्वपूर्ण धरोहर भवनों की स्थापत्य कला को ध्यान में रखा गया है।

सेंगोल की स्थापना
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सेंगोल की स्थापना

ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को हस्तांतरित की गई सत्ता के प्रतीक ऐतिहासिक सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा। इससे पहले सेंगेाल इलाहाबाद में एक संग्रहालय में रखा हुआ था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर सेंगोल लिया था। सेंगोल को लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के पास लगाया जाएगा।और पढ़ें

आधुनिक जरूरतों को पूरा करेगी नई संसद
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आधुनिक जरूरतों को पूरा करेगी नई संसद

नए संसद भवन में छह समिति कक्ष होंगे जबकि वर्तमान भवन में तीन समिति कक्ष हैं। इसमें मंत्री परिषद के सदस्यों के लिए 92 कमरों की व्यवस्था की गई है। नये संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा कक्ष में प्रत्येक बेंच पर एक साथ दो सदस्य बैठ सकेंगे तथा प्रत्येक सीट डिजिटल प्रणाली और टच स्क्रीन से सुसज्जित की गई है। नये भवन में एक संविधान कक्ष है जहां देश की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। और पढ़ें

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