'दंगा मुक्ति के लिए जाना जाता था लालू का राज', लेकिन अब उन्हीं की सरकार में जल रहा बिहार

लालू यादव की राजद हमेशा से यह दावा करती रही है कि लालू यादव का कार्यकाल दंगा मुक्त रहा है। बिहार में लालू राज में दंगे नहीं हुए हैं, सांप्रदायिक एकता भंग नहीं हुई है। लालू का यह फॉर्मूला इतना सटीक था कि दंगा भड़क ही नहीं पाता था, लेकिन आज की तारीख में ऐसा लगता है जैसे वो फॉर्मुला खो गया है। क्योंकि आज राजद के सत्ता में होने के बाद भी बिहार में सांप्रदायिक हिंसा हो रही है। बिहार जल रहा है।

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दंगा मुक्ति का दावा

राजद हमेशा यह दावा करती रही है कि बिहार लालू के राज में दंगा मुक्त रहा था। लालू की सरकार के समय में बिहार में प्रशासन इस कदर चुस्त रहता था कि दंगा भड़क ही नहीं पाता था।

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'जंगलराज' था दंगा मुक्त

लालू यादव के कार्यकाल को बिहार में जंगलराज की उपाधि दी जाती रही है, लेकिन दंगा मुक्त रहने के लिए लालू की लोग तारीफ भी करते रहे हैं। हालांकि जातीय संघर्ष भी उन्हीं के राज में हुआ था।

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अब जल रहा बिहार

अब कई मौकों पर बिहार में हिंसक घटनाएं देखने को मिलती रही है। अभी राम नवमी के मौके पर बिहार के नालंदा और सासाराम में दंगा भड़का हुआ है। फायरिंग और बमबाजी भी हुई है। जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं।

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आज भी लालू का पार्टी सत्ता में

आज की तारीख में बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के साथ लालू यादव की पार्टी राजद सत्ता में हैं। राजद के कोटे से लालू यादव के दोनों बेटे सरकार में शामिल हैं। छोटे बेटे तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हैं तो बड़े बेटे तेज प्रताप यादव मंत्री, लेकिन फिर भी दंगा हो रहा है।

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सवालों के घेरे में सरकार

बिहार में हो रही हिंसा को लेकर नीतीश सरकार सवालों के घेरे में हैं। सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर सवालों की बौछार हो रही है। पिछली बार की हिंसा के लिए राजद, नीतीश और भाजपा को कोसती थी, लेकिन अब जब खुद सत्ता में हैं तो हिंसा हो रही है। कहां है वो फॉर्मूला जिससे लालू यादव अपने समय में दंगा रोका करते थे, वो फॉर्मूला अब तेजस्वी क्यों नहीं लागू कर पा रहे हैं? ऐसे कई सवाल हैं, जो तेजस्वी यादव से अब पूछे जा रहे हैं।