दुनिया का इकलौता रेलवे स्टेशन, जिसमें एंट्री और एग्जिट गेट नहीं; जानिए क्यों बनाया गया स्टेशन

रेलवे दुनियाभर में यातायात का सबसे सस्ता और आसान साधन है। लंबी दूरी के लिए रेलवे एक वरदान की तरह है। लंबी दूरी को हवाई यात्रा के जरिए जल्दी तो तय किया जा सकता है, लेकिन वह बहुत महंगा साधन है। सस्ते में लंबी दूरी तय करनी हो तो रेलवे सबसे अच्छा माध्यम है। रेल में सफर करते हुए आपने बहुत ही सुंदर-सुंदर नजारे देखे होंगे। कई बड़े रेलवे स्टेशन भी बीच में आए होंगे। स्टेशनों पर यात्रियों के आने-जाने के लिए सीढ़ियां, लिफ्ट और एस्केलेटर लगे देखे होंगे। लेकिन एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है, जहां पर यात्रियों के लिए एंट्री और एग्जिट गेट नहीं है। फिर भी इस स्टेशन पर ट्रेन रुकती है और यात्री गाड़ी से उतरते और चढ़ते भी हैं।

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बड़ा कंफ्यूजन है भईया

रेलवे स्टेशन वो भी ऐसा, जिसमें एंट्री और एग्जिट गेट नहीं हैं। इस स्टेशन में न तो बाहर से यात्री आ सकते हैं और न ही स्टेशन से बाहर जा सकते हैं। फिर यात्री इस स्टेशन पर ट्रेन से उतरते और चढ़ते भी हैं। बड़ा कंफ्यूजन है भईया...

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क्या ऐसा स्टेशन है भी?

प्रश्न तो जायज है! क्या सच में ऐसा स्टेशन है भी, जहां न तो एंट्री और न ही एग्जिट गेट है। प्रश्न का उत्तर ये है कि ऐसा स्टेशन है, लेकिन भारत में नहीं है।

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कहां है ये स्टेशन?

बिना-एंट्री और एग्जिट वाला यह रेलवे स्टेशन जापान में है, जो दक्षिणी जापान में निशिकिगावा शिरयू लाइन (Nishikigawa Seiryu line) पर मौजूद है।

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स्टेशन का नाम क्या है?

जापान में मौजूद इस अनोखे रेलवे स्टेशन का नाम शिरयू-मिहार्शी स्टेशन (Seiryu-Miharashi station) है। इस रेलवे स्टेशन पर सिर्फ एक ही प्लेटफॉर्म है।

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किस काम का प्लेटफॉर्म

इस स्टेशन में बाहर से कोई भी यात्री आ नहीं सकता और ट्रेन से उतरने वाला यात्री बाहर नहीं जा सकता। यात्री यहां उतरते हैं और कुछ देर स्टेशन के इकलौते प्लेटफॉर्म पर रुककर ट्रेन में वापस चढ़कर आगे निकल जाते हैं।

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क्यों बनाया गया है स्टेशन

शिरयू-मिहार्शी स्टेशन नाम का यह स्टेशन यहां बहने वाली निशिकी नदी के ऊपर बना है। स्टेशन के इकलौते प्लेटफॉर्म से नदी और उसके पीछे जंगल का शानदार व्यू देखने को मिलता है। यात्री यहां 10 मिनट रुककर प्रकृति की सुदरता को निहार सकते हैं।