एक खूबसूरत शहर, जिसके बीच से गुजरती नदी उसे दो देशों में बांट देती है
नदियां जीवन देती हैं। नदियों के आसपास संस्कृति का जन्म होता है और यह संस्कृति की वाहक होती हैं। इसके दो किनारे भले ही कभी न मिलें, लेकिन नदियां दिलों को जोड़ने का काम करती हैं। लेकिन आज हम एक ऐसे शहर के बारे में जानेंगे, जिसे एक नदी ने न सिर्फ दो हिस्सों में बांटा, बल्कि दो देशों में भी बांट दिया। नदी के एक किनारे पर एक देश और धारा के दूसरी ओर दूसरे छोर पर दूसरे देश का शहर। चलिए जानते हैं -

दो देश और एक शहर
जिस शहर की हम बात कर रहे हैं उसका नाम धारचूला है। जी हां, हमारे देश में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में यह बहुत ही खूबसूरत शहर है। नदी के दूसरी तरफ नेपाल का प्रमुख शहर दारचूला है। एक शहर-एक संस्कृति लेकिन एक नदी से दो देशों में बंटे शहर हैं धारचूला और दारचूला।

नदी का नाम
भारत के धारचूला और नेपाल के दारचूला शहर यहां लिपुलेख दर्रे से आने वाली सारदा नदी बहती है, जिसे काली नदी भी कहा जाता है। यह नदी दोनों देशों के बीच बॉर्डर का काम करती है। हालांकि, नदी पर आर-पार जाने के लिए पुल बनाया गया है।

रोटी-बेटी का रिश्ता
धारचूला और दारचूला सिर्फ इन दो शहरों की नहीं, बल्कि भारत और नेपाल की सांस्कृतिक विरासत एक। भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है। दोनों के अराध्य भी एक हैं और बोली भी काफी हद तक मिलती जुलती है।

भारत नेपाल के बीच लंबा बॉर्डर
भारत और नेपाल के बीच बॉर्डर 1751 किमी लंबा है। पश्चिम में नेपाल की सीमा उत्तराखंड से मिलती है, जबकि दक्षिण में उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्व में पश्चिम बंगाल और सिक्किम के साथ नेपाल का बॉर्डर मिलता है।

धारचूला और दारचूला का मतलब
नेपाल में बोली जाने वाली डोट्याली भाषा में दार का मतलब पर्वत शिखर होता है। हिंदी में भी धार का यही मतलब होता है। चूला का मतलब दोनों भाषाओं में चूल्हा या स्टोव से है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि व्यास ने यहां तीन पर्वतों को चूल्हा बनाकर खाना बनाया था, इसलिए इसे यह नाम मिला।

तीन पत्थर वाले चूल्हे
धारचूला और दारचूला इलाके में आज भी लोग लकड़ी जलाने के लिए तीन पत्थर वाले चूल्हे का इस्तेमाल करते हैं। नदी घाटी में बसे धारचूला और दारचूला बहुत ही खूबसूरत हैं और यहां पहुंचकर आप अद्भुत शांति का अनुभव करेंगे।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का पड़ाव
भारत में धारचूला, कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रमुख पड़ाव है, क्योंकि इस रूट पर यह अंतिम बड़ा शहर है। स्थानीय लोग नदी पर बने पुल को पार करके दिन में कई बार नेपाल और भारत आते-जाते रहते हैं।

भोटिया प्रजाति के लोग
धारचूला में कुमाऊंनी और शौना (भोटिया) प्रजाति के लोग और उनकी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। यहां आने वाले पर्यटक उनकी संस्कृति से रूबरू हो सकते हैं।

धारचूला में क्या देखें
धारचूला में कई तरह के फल होते हैं। यहां आने वाले पर्यटक नारायण आश्रम, मानसरोवर झील, चिरकिला डैम, जौलजिबी, काली नदी और ओम पर्वत देखने के लिए भी जाते हैं।

क्या धोनी बना पाएंगे ये अनोखा IPL शतक, रिकॉर्ड से बस 1 कदम दूर

साफ हो जाएगा लिवर का कोना-कोना, बस डाइट में शामिल कर लें ये फ्रूट, इस समय खाने से मिलेगें जबरदस्त फायदे

30 की उम्र के बाद राजाओं जैसी जिंदगी जीते हैं इस मूलांक के लोग, शनि बना देते हैं करोड़पति

भारत की इकलौती मिठाई जो महीनों नहीं होती खराब, स्वाद भी लाजवाब, क्या आप जानते हैं जवाब

27 साल बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे शनि देव, इन राशियों को होगा आकस्मिक धन लाभ

MI vs LSG Match Toss Update: आज का टॉस किसने जीता, मुंबई इंडियंस बनाम लखनऊ सुपर जायंट्स

Summer Vacation In UP Schools: भीषण गर्मी का प्रकोप! यूपी, नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ के स्कूलों में कब शुरू रहा है समर वेकेशन

Vancouver Accident? आतंकी हमला या एक्सीडेंट! वैंकूवर फेस्टिवल में कार ने भीड़ को रौंदा, कई लोगों की मौत

पहलगाम आतंकी हमले पर शोएब इब्राहीम हुए शर्मिंदा, कहा 'सिर झुकता है मुसलमान का जैसे मेरा...'

शरीर की गर्मी होगी शांत, जोड़ों में बढ़ जाएगी ग्रीस, बस खाना शुरू कर दें ये चिपचिपी चीज, ऐसे खाने मिलेगा भरपूर लाभ
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited