आसाराम बापू एक तांगे वाले से 'संत' और फिर जेल की सलाखें, क्राइम हैं बेहद घिनौने!
राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद कथावाचक आसाराम जेल से बाहर आएगा, राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को बड़ी राहत देते हुए 7 दिन का पैरोल को मंजूर कर लिया है बता दें कि यौन उत्पीड़न मामले में कथावाचक आसाराम बापू जेल में बंद थे, उनके अपराध के लिए उन्हें दोषी ठहराया गया था। आसाराम के अपराधों की लिस्ट (asaram bapu crime history) लंबी है।
आसाराम बापू एक स्वयंभू संत
आसाराम बापू एक स्वयंभू संत है जिसके देश भर में हजारों अनुयायी हैं उसे अपनी शिष्या से बलात्कार के एक और मामले में गांधीनगर की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, पर ये बात चौंकाती है कि कि उस पर बलात्कार के मामले दर्ज हैं, उसे उत्तर प्रदेश की एक लड़की के बलात्कार के मामले में सजा सुनाई गई थी इस मामले में वो जोधपुर में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं, वहीं अब राजस्थान हाई कोर्ट ने आसाराम की अंतरिम पेरोल को मंजूर किया है आसाराम को इलाज के लिए महाराष्ट्र ले जाया जाएगा पुणे के आयुर्वेद विश्वविद्यालय में उनका इलाज होगा। और पढ़ें
यौन छेड़छाड़ का यह मामला
यौन छेड़छाड़ का यह मामला 20 अगस्त 2013 को प्रकाश में आया जब एक एफ आई आर दिल्ली के कमला नगर थाने में रात 2 बजे दर्ज हुई। घटना जोधपुर के मड़ई में स्थित फार्म हाउस में 16 अगस्त की बताई जाती है। लड़की ने आरोप लगाया है बापू ने रात उसे कमरे में बुलाया व एक घंटे तक यौन छेड़छाड़ की। लड़की उत्तरप्रदेश के शाहजहापुर की निवासी है जो 12वीं कक्षा में छिंदवाड़ा में आश्रम के कन्या छात्रावास में पढ़ती थी।और पढ़ें
आसुमल से आसाराम बनने की कहानी
आसाराम को रेप के एक दूसरे मामले में अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, कोर्ट ने उन्हें आपराधिक आदतों वाला शख्स भी बताया आसुमल से आसाराम बनने की कहानी भी खासी दिलचस्प है।
यह मामला 20 अगस्त 2013 को प्रकाश में आया
यौन छेड़छाड़ का यह मामला 20 अगस्त 2013 को प्रकाश में आया जब एक एफ आई आर दिल्ली के कमला नगर थाने में रात 2 बजे दर्ज हुई। घटना जोधपुर के मड़ई में स्थित फार्म हाउस में 16 अगस्त की बताई जाती है। एफ़आईआर में 20 अगस्त को लड़की ने आरोप लगाया है बापू ने रात उसे कमरे में बुलाया व एक घंटे तक यौन छेड़छाड़ की। लड़की उत्तरप्रदेश के शाहजहापुर की निवासी है जो 12वीं कक्षा में छिंदवाड़ा में आश्रम के कन्या छात्रावास में पढ़ती थी।और पढ़ें
आसाराम का जन्म 17 अप्रैल 1941 को
आसाराम का जन्म 17 अप्रैल 1941 को ब्रितानी भारत के नवाबशाह जिले के बेराणी गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, हुआ था धीरे-धीरे आसाराम मशहूर होते गए और इसी के साथ उनके अनुयायियों की संख्या में भी इजाफा होता गया अनुयायियों के बड़े समूहों ने राजनेताओं का ध्यान आकर्षित किया सब संत के मुरीद होने लगे कांग्रेस के साथ ही बीजेपी की सरकारों ने उन्हें जमीनें दीं।और पढ़ें
साइकिल की दुकान में मरम्मत से लेकर तांगा चलाने तक
आसाराम पाकिस्तान में विभाजन के बाद गुजरात के अहमदाबाद पहुंचा शुरुआत में उसने साइकिल की दुकान में मरम्मत से लेकर तांगा चलाने तक कई काम किए बाद में धीरे-धीरे वो आसुमल से आसाराम बन गया। आसाराम पर गुजरात के सूरत शहर में एक अन्य महिला के साथ दुष्कर्म करने का भी आरोप है इस मामले में मुकदमा चल रहा है।
आसाराम विवादों से जुड़े रहे हैं
आसाराम विवादों से जुड़े रहे हैं जैसे आपराधिक मामलों में उनके खिलाफ दायर याचिकाएं, उनके आश्रम द्वारा अतिक्रमण, 2012 दिल्ली दुष्कर्म पर उनकी टिप्पणी एवं 2013 में नाबालिग लड़की का कथित यौन शोषण, वहीं उन पर लगे आरोपों की आँच उनके बेटे नारायण साईं तक भी पहुंची।
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