रक्सौल हल्दिया और गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे को लेकर बिहार से आई बड़ी खुशखबरी

बिहार में अभी कोई भी एक्सप्रेसवे नहीं है पर ये सीन अब बदलने जा रहा है बता दें कि बिहार को एक-दो नहीं बल्कि 5 एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने जा रही है उसमें से रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेसवे (raxaul haldia expressway) और बिहार के बड़े हिस्से से होकर गुजरने वालेगोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (gorakhpur siliguri expressway) का मास्टर प्लान केंद्र सरकार ने तैयार कर राज्य सरकार से मंतव्य मांगा है बता दें बिहार में इन एक्सप्रेसवे से कई शहर आपस में जुड़ जायेंगे और लोगों को आने-जाने में बड़ी सहूलियत होगी।

बिहार से एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ी खबर सामने आई है
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​बिहार से एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ी खबर सामने आई है​

बिहार से एक्सप्रेसवे (expressway in bihar) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है, राज्य में दो एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है केन्द्र सरकार ने गोरखपुर-सिलीगुड़ी (gorakhpur siliguri expressway) और रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेस-वे (raxaul haldia expressway) का मास्टर प्लान तैयार कर राज्य सरकार से मंतव्य मांगा है, गौर हो कि दोनों एक्सप्रेस-वे का निर्माण एनएचएआई (NHAI) की ओर से प्रस्तावित है, पर बिहार सरकार का कहना है कि केन्द्र सरकार की सहमति हो तो राज्य सरकार ही एक्सप्रेस-वे का निर्माण करे, दोनों एक्सप्रेस-वे को लेकर केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की ओर से बिहार को लेटर भेजा गया है।और पढ़ें

विजन 2047 के तहत देश में हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है
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​विजन 2047 के तहत देश में हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है​

केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के लेटर में कहा गया है कि विजन 2047 के तहत देश में हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है। पहले चरण में 18 हजार 200 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है। देश के समतल इलाकों में एनएचएआई की ओर से सड़क का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, इसलिए राज्य सरकार अपने यहां की परियोजनाओं पर पक्ष भेजे ताकि एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य शुरू किया जा सके।और पढ़ें

बिहार सरकार को अगर मौका दिया गया तो वह एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा सकती है
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'बिहार सरकार को अगर मौका दिया गया तो वह एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा सकती है'​

बिहार का मानना है कि राज्य सरकार को अगर मौका दिया गया तो वह एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा सकती है। चूंकि जमीन अधिग्रहण से लेकर निर्माण की प्रक्रिया बिना राज्य सरकार की भूमिका के संभव नहीं है। एनएचएआई की ओर से निर्माण किए जाने पर दोहरी निगरानी के कारण परियोजना में देरी हो सकती है।

यह बिहार के अलावा झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल में समाप्त होगा
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यह बिहार के अलावा झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल में समाप्त होगा​

गौर हो कि रक्सौल से शुरू होकर हल्दिया तक जाने वाला एक्सप्रेसवे 719 किलोमीटर लंबा है। यह बिहार के अलावा झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल में समाप्त होगा।

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी है जबर्दस्त
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​रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी है जबर्दस्त​

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे बिहार में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिले से गुजरते हुए झारखंड के रास्ते हल्दिया पहुंचेगा। वहीं गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया व किशनगंज जिले से गुजरेगा।और पढ़ें

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे भी तय करेगा लंबा रास्ता
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​गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे भी तय करेगा लंबा रास्ता​

वहीं गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे पश्चिम चंपारण पूर्वी चंपारण शिवहर सीतामढ़ी मधुबनी सुपौल अररिया व किशनगंज जिले से गुजरेगा।

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे के तहत बिहार में 367 किमी सड़क का निर्माण
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रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे के तहत बिहार में 367 किमी सड़क का निर्माण

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे के तहत बिहार में 367 किमी सड़क का निर्माण होगा जबकि गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के तहत बिहार में 416 किमी सड़क का निर्माण कराया जाना है।

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