रानी कमलापति के बाद ये स्टेशन बनेगा प्राइवेट, तेजी से हो रहा रीडेवलपमेंट, जानें क्या होगी खासियत

भारत के पहले प्राइवेट स्टेशन रानी कमलापति के बाद अब देश को जल्द ही एक और प्राइवेट स्टेशन मिलने वाला है। जिसका रीडेवलेपमेंट कार्य तेजी से चल रहा है। यह स्टेशन महाराष्ट्र में स्थित अजनी रेलवे स्टेशन है। आइए जानते हैं कि इस स्टेशन पर यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं होगी और यह कब तक पूरी तरह से तैयार होगा।

रानी कमलापति रेलवे स्टेशन
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​रानी कमलापति रेलवे स्टेशन​

भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन रानी कमलापति है। यह रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में है। इस स्टेशन का पुराना नाम हबीबगंज है, जिसे 13 नवंबर 2021 को बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया गया। इस रेलवे स्टेशन का रीडेवलपमेंट करके इसे हाईटेक स्टेशन बनाया गया। जिसके बाद अब जल्द ही देश को एक और प्राइवेट स्टेशन मिलने वाला है। और पढ़ें

अजनी रेलवे स्टेशन
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​अजनी रेलवे स्टेशन​

भारत का दूसरा प्राइवेट स्टेशन तेजी से बनकर तैयार होने वाला है। यह सेंट्रल रेलवे का अजनी रेलवे स्टेशन है, जो महाराष्ट्र में स्थित है। अजनी स्टेशन का उपयोग नागपुर के सैटेलाइटजंक्शन के रूप में किया जाता है। रेल भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) से मिली जानकारी के अनुसार अजनी रेलवे स्टेशन का रीडवलेपमेंट कार्य तय समयसीमा से चार महीने पहले पूरा होने वाला है। RLDA देशभर में 15 रेलवे स्टेशनों का विकास कर रहा है। इन्हीं में से एक अजनी स्टेशन भी है।और पढ़ें

प्रोजेक्ट में ग्रीन बिल्डिंग का कॉन्सेप्ट
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​प्रोजेक्ट में ग्रीन बिल्डिंग का कॉन्सेप्ट​

अजनी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में एक आधुनिक डिजाइन समेत ग्रीन बिल्डिंग का कॉन्सेप्ट और दिव्यांगजन-अनुकूल सुविधाएं शामिल हैं। RLDA का ककहना है कि इस परियोजना का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना है। रेलवे स्टेशन के पूर्वी और पश्चिमी दोनों ओर निर्माण कार्य योजना के अनुसार प्रगति पर है। अजनी रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शिलान्यास 11 दिसंबर 2022 को हुआ था। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 359.82 करोड़ रुपये है।और पढ़ें

स्टेशन पर यात्रियों के लिए सुविधाएं
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​स्टेशन पर यात्रियों के लिए सुविधाएं​

अजनी स्टेशन को रोजाना 45 हजार यात्रियों के आवागमन की योजना के अनुसार रिडेवलप किया जा रहा है। इस स्टेशन पर यात्रियों के लिए 10 मीटर चौड़ाई के दो फुट ओवर ब्रिज (FOB) होंगे। ये एफओबी स्टेशन के दोनों तरफ आगमन लॉबी से जुड़े होंगे। ये एफओबी और रूफ प्लाजा वाला कॉनकोर्स सभी प्लेटफॉर्म्स को सीढ़ियों, एस्केलेटर और लिफ्ट के जरिए जोड़ेगा। यह 72 मीटर चौड़ा रूफ प्लाजा 18 मीटर चौड़े सेंट्रल एफओबी से जुड़ा हुआ होगा, जिसमें यात्रियों की व्यवस्था भी होगी। और पढ़ें

पार्किंग की व्यवस्था
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​पार्किंग की व्यवस्था​

इस रेलवे स्टेशन में पश्चिमी की ओर 3,679 वर्गमीटर में सरफेस पार्किंग की व्यवस्था होगी। इसके अलावा एक सर्कुलेटिंग क्षेत्र के साथ प्रस्थान और आगमन प्लाजा (जी+2) में वाहनों के सुचारू आवागमन के लिए ड्राप ऑफ और पिक अप जोन भी शामिल होंगे।

प्रगति पर निर्माण कार्य
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​प्रगति पर निर्माण कार्य​

इस परियोजना के तहत आरसीसी फ्रेमयुक्त स्ट्रक्चर जी+3 स्टेशन भवन का निर्माण तीसरी मंजिल तक हो गया है और ब्लॉक कार्य और फिनिशिंग का काम तेजी से चल रहा है। पूर्व की ओर बिल्डिंग के नए निर्माण का रास्ता बनाने के लिए डी-टाइप क्वार्टरों समेत मौजूदा सुविधाओं को तोड़ा गया है। टाइप IV क्वार्टर के दो टावरों और फ्रेमयुक्त संरचनाएं पूरी हो चुकी हैं, इनका फिनिशिंग का काम जारी है। ध्वस्त किए गए क्वार्टरों में रहने वाले लोग इन क्वार्टरों में रहेंगे।और पढ़ें

अस्थाई स्टेशन भवन
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​अस्थाई स्टेशन भवन​

रीडेवलपमेंट कार्य के दौरान स्टेशन के पश्चिम की ओर यात्रियों की आवाजाही में कोई बाधा न आए, इसके लिए एक अस्थाई स्टेशन बनाया गया है। इसके अलावा पार्किंग एरियो को रोड ओवर ब्रिज की ओर बढ़ाया गया है।

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